
कोरबा । अंचल में बड़े प्रतिष्ठानों में साथ खाद्य पदार्थ की खरीदी कर रहे हैं तो यह मानक में शत-प्रतिशत खरा हो इसका भरोसा अब जिले में नहीं रहा, हो सकता है आप जो खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं वो अमानक हो। यह बात खाद्य व औषधी प्रशासन विभाग द्वारा जिले में त्योहारी सीजन के अंतर्गत लिए गए फूड सैंपल की रिपोर्ट बयां कर रही हैं।होली, ईद सहित अन्य त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य विभाग ने नकली, मिलावटी के साथ ही अमानक खाद्य सामग्री की बिक्री रोकने के लिए खाद्य पदार्थ बेचने वाले 36 प्रतिष्ठानों से सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर स्थित लेब भेजा था, जहां से के चौकाने वाली रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में करीब 1 दर्जन प्रतिष्ठान से लिए गए सैंपल फ़ैल हो गए हैं। इन अंचल की प्रतीष्ठित प्रतिष्ठानों में शहर के बड़े व नामचीन प्रतिष्ठान भी शामिल है जिस पर आमतौर पर ग्राहक आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। विभाग अब इन प्रतिष्ठानों के खिलाफ प्रकरण बनाकर कोर्ट में प्रस्तुत करने की तैयारी में है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के बताया की जिले में शहरी व उपनगरीय सहित ग्रामीण अंचल तक टीम पहुंचकर खाद्य पदार्थों की जांच व सैंपलिंग कर रही है। आमतौर पर त्यौहारी सीजन के आसपास ज्यादा सैंपल लिए जाते हैं। हालांकि अब जांच का दायरा बढ़ाते हुए लगातार प्रतिष्ठानों में पहुंचकर सैंपल लिया जाएगा। सैंपल जांच के लिए भेजने के साथ ही जल्द रिपोर्ट मिले इसके लिए भी प्रयास किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी विकास भगत के कहा कि पिछले कुछ माह के दौरान लिए गए सभी सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है। जिसमें एक दर्जन प्रतिष्ठान के सैंपल फेल हो गए। ऐसे मामलों में प्रकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा। खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जांच में लिए गए सैंपल फेल होने पर प्रकरण दर्ज करके एडीएम न्यायालय या सीजेएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। ऐसे प्रकरण में एडीएम न्यायालय से 5 लाख तक व सीजेएम कोर्ट से 10 लाख रुपए तक के जुर्माना कर प्रावधान है। बड़े प्रकरण में 6 माह से 1 वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है, लेकिन अब तक जिले में हुई करीब 25 कार्यवाही में जुर्माना ही हुआ है।