अजमेर। सनातन धर्म रक्षा संघ अजमेर, राजस्थान ने प्रधानमंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर इस बार अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 813 वें सालाना उर्स में अकीदत की चादर ना भेजने का आग्रह किया है। हर वर्ष की भांति उर्स पर ख्वाजा चिश्ती की दरगाह पर प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजी जाती है। इस वर्ष दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर विवाद अजमेर न्यायालय में पेश होने से मामला विचाराधीन है ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजी जाती है तो आमजन में यह भावना होगी कि प्रधानमंत्री मोदी विवादित स्थान को दरगाह होने की पुष्टि करते हैं जोकि न्याय प्रक्रिया में बाधक हो सकती है।पूर्व न्यायाधीश व रक्षा संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि जब न्यायालय में कोई मामला लंबित हो और केंद्र सरकार के विभाग पक्षकार हो तो ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री को विवादित मामले में किसी प्रकार की ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करना चाहिए जिससे न्याय प्रक्रिया बाधित हो या उसके फैसले को प्रभावित करती हो। इसके अतिरिक्त पत्र में दरगाह क्षेत्र में अभी बसे हुए बांग्लादेशी रोहिंग्या को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई है।
पीएम को भेजे गए पत्र में अजमेर के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगडऩे में जिस-जिस व्यक्ति ने अनर्गल बातें व सांप्रदायिक दंगा फैलाने वाली बातें कही हैं, उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग भी की गई है।