सक्ती। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट यशवंत कुमार सारथी ने 20 वर्ष सश्रम कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।अभियोजन के अनुसार 16 वर्ष 7 माह की नाबालिग लड़की अपने घर में अकेली थी तो 20 जुलाई 2020 कोअभियुक्त गोलू उर्फ सतीश चंद्रा उसके घर पहुंचा और उसे अकेली देखकर अंदर से दरवाजा को बंद कर दिया । अभियुक्त को अपने घर में देखकर नाबालिग घबरा गई क्योंकि इससे पूर्व वह उसके घर कभी नहीं आया था। उसने उसे जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया। कुछ दिन बाद नाबालिग घर के आंगन में अकेली थी तब अभियुक्त उधर से गुजर रहा था तो उसे देखकर नाबालिग यह सोच कर कि वह उसे अकेले पाकर फिर घर अंदर आ जाएगा इसलिए वह घर से बाहर निकल कर अपनी सहेली के यहां जाने लगी तो अभियुक्त ने उसका हाथ पकड़कर कहा कि पुरानी घटना को भूलकर उसे माफ कर दे वह उससे शादी करना चाहता है। इसी तरह उसे बहला फुसलाकर उससे संबंध बनाता रहा। शारीरिक संबंध बनाने से नाबालिग जनवरी 2021 में गर्भवती हो गई । अभियुक्त ने नाबालिग का यूरिन टेस्ट कराया जिसमें गर्भवती का पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर अभियुक्त ने उसे अपना ख्याल रखने को कहा मगर वह शादी करने में टालमटोल करता रहा । कुछ दिन रुक जाओ उसके बाद शादी करेंगेकहकर घुमाता रहा एक दिन उसने साफ इंकार कर दिया। तब तक किशोरी छह माह के गर्भ में हो गई। किशोरी ने स्वजन के साथ जैजैपुर थाना पहुंचकर उसके विरूद्ध अपराध दर्ज कराया। पुलिस ने उसके विरूद्ध भादवि की धारा 376 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4, 6 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया और अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई कर न्यायालय ने गोलू उर्फ सतीश चंद्रा पिता शिव कुमार चंद्रा को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपए से दंडित किया। अभियोजन की ओर सेविशेष लोक अभियोजक पाक्सो राकेश महंत ने पैरवी की।