श्रीनगर, ०7 जुलाई [एजेंसी]। अमरनाथ यात्रा को प्रदूषण एवं कचरा मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नई शुरुआत की है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े के थैले, अपशिष्ट प्रक्रिया की निगरानी के लिए एमआईएस पोर्टल, वेब ऐप और टिकाउ एवं पर्यावरण अनुकूल जिम्मेदार यात्रा के लिए यात्रागान शामिल है। यात्रा को स्वच्छ बनाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग और स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट मिलकर काम कर रहे हैं। यात्रा गान स्वच्छता और स्थिरता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रसिद्ध बालीवुड गायक शान मुखर्जी द्वारा गाया गया।बता दें कि पहली जुलाई से शुरू हुई तीर्थयात्रा में स्वच्छता को बनाए रखना, यात्रा मार्ग को कचरा मुक्त बनाना और पर्यावरण संरक्षण सबसे बड़ी चुनौती है। हर वर्ष लगभग डेढ़ हजार टन के करीब कचरा निकलता है। यात्रा को कचरा मुक्त बनाने के लिए करीब 400 सफाई मित्र और सफाई कर्मी पूरे यात्रा मार्ग पर तैनात किए हैं। 200 स्वयंसेवक भी हैं जो पूरे यात्रा मार्ग पर कचरा जमा करेंगे। बालटाल व पहलगाम में बने यात्री शिविरों में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोका जाएगा। किसी को इसका इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा जिसके पास होगा उससे लेकर इसे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाएगा। श्रद्धालुओं में यात्रा को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखने के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी। श्रद्धालुओं से प्लास्टिक लेकर कपड़े के थैले निश्शुल्क दिए जाएंगे। इसके बाद लंगरों के फूड वेस्ट और किचेन वेस्ट से खाद बनाई जाएगी। एक सौर ऊर्जा और बायोगैस वाले लंगर स्थापित करने के लिए लंगर समितियों को प्रेरित किया जाएगा। यात्रा मार्ग, आधार शिविर, लंगर और गुफा तक कचरा प्रबंधन सुविधा होगी। श्रद्धालुओं में जागरूकता पैदा करने के लिए जिंगल्स, यात्रा गान होगा, सेल्फी प्वाइंट पर कपड़े का बैग और साथ स्वच्छता मैसकाट पूरे समय आधार शिविर में घूमेंगे।, इंटरनेट मीडिया से पूरे देश में टिकाऊ पर्यटन व जिम्मेदारी पूर्व यात्रा करने का संदेश फैलाया जाएगा। श्रद्धालुओं को दोबारा इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतलों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाएगा क्योंकि यात्रा मार्ग पर 20-25 लाख प्लास्टिक की बोतलें जमा होती हैं। इसे रोकना है।पूरे समय कचरा प्रबंधन, प्रोसेसिंग, मानव संसाधन प्रबंधन व निगरानी के लिए साफ्टवेयर बनाया है, जो रीयल टाइम डेटा का आकलन करने के साथ उसकी रिपोर्टिंग करेगा। यात्री जहां भी कचरा देखेंगे वह वेब ऐप पर रिपोर्ट कर सकेंगे ताकि सफाई मित्र उसे तत्काल उसे हटाएं। टचस्क्रीन कियोस्क भी यात्रा फीडबैक देने के काम आएंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि तीर्थयात्रा तभी सफल होती है जब वह पूरी तरह स्वच्छ रहे। जीरो वेस्ट तीर्थयात्रा हमारा संकल्प है। इसलिए सूचना, शिक्षा और संचार अभियान को व्यवहार परिवर्तन संचार में बदलने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रभावी माडल बनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जा रहे हैं। स्वयंसेवकों की मदद से आइईसी अभियान और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के चार अलग चरणों में निर्बाध समन्वय के साथ हमारा उद्देश्य पर्यावरण, प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा और प्राकृतिक संपत्तियों के सतत उपयोग के प्रति गहरी जिम्मेदारी पैदा करना है जो यात्रा के लिए स्वच्छ अभियान आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक मूल्यों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सूचना प्रौद्योगिकी, आइटी उपकरणों, आईटी उपकरण, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत का अधिकतम उपयोग तीर्थयात्रियों के लिए स्वच्छ, शुद्ध और अद्वितीय अनुभव सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बीते वर्ष यात्रा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने और रीसाइक्लिंग में उल्लेखनीय कार्य के बारे में कहा कि आपकी सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा आप ही हैं।इस तरह के एकीकृत प्रयासों और अपशिष्ट प्रबंधन माडल को अन्य तीर्थयात्राओं के लिए दोहराया जा सकता है। हम श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को इस माडल का अध्ययन करने और इसे लागू करने का निर्देश देंगे। उन्होंने तीर्थयात्रियों से यात्रा के दौरान उनके अनुभव और स्वच्छता प्रबंधन पर उनकी राय को साझा किया। उपराज्यपाल ने सतत और जीरो लैंडफिल यात्रा अभियान के लिए प्रतीक चिन्ह, आइईसी सामग्री और दिशानिर्देश भी जारी किए। –