जम्मू, ०१ जुलाई [एजेंसी]। जम्मू के यात्री निवास से शुक्रवार की ब्रह्म वेला में हर-हर महादेव और भारत माता की जय का जयघोष करते हुए श्री अमरनाथ धाम के लिए निकले श्रद्धालुओं का पहला जत्था सूर्यास्त से पहले नुनवन (अनंतनाग) और बालटाल (गांदरबल) आधार शिविर पहुंच गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैदिक मंत्रोच्चारण और शंखनाद के बीच तड़के साढ़े चार बजे जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। कड़ी सुरक्षा में निकले श्रद्धालुओं के काफिले का पूरे यात्रा मार्ग पर भव्य स्वागत हुआ। जम्मू के भगवती नगर से 160 वाहनों में 3488 श्रद्धालु रवाना हुए। मगर जब वह बालटाल और नुनवन पहुंचे तो यह संख्या लगभग 16 हजार थी। चूंकि रास्ते में और दोनों आधार शिविर में पहले से भी श्रद्धालु पहुंच चुके थे। श्रद्धालुओं के काफिले के साथ और पूरे मार्ग पर सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, सेना व बीएसएफ के जवान तैनात थे। संवेदनशील हिस्सों में ड्रोन ने भी निगरानी की। जत्थे के सुरक्षा काफिले का एक वाहन ऊधमपुर के समरौली में अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त भी हो गया। इसमें कानवाई कमांडर डीएसपी अजय कुमार और दो कांस्टेबल जख्मी भी हुए हैं। राज्यपाल और मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं प्रथम पूजा में शामिल : श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में प्रथम दर्शन और पूजा शनिवार सुबह होगी और उसी दौरान बालटाल व नुनवन से श्रद्धालुओं को गुफा की तरफ जाने की अनुमति दी जाएगी।मौसम अनुकूल रहने पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, देश के प्रधान न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनदीप कुमार भंडारी प्रथम पूजा में सम्मिलित होंगे। श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा सावन में होती है। इस वर्ष यह यात्रा 62 दिन की है और 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन संपन्न होगी।उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा परम आनंद की अनुभूति देती है। यह विनम्रता, करुणा और सजगता का मार्ग है। शिव सूत्र कहता है, क्समो भैरव। अर्थात आध्यात्म की राह में उद्यम ही भैरव है। यह परमात्मा को अनुभव करने के लिए पहला कदम है। यह आंतरिक परिवर्तन की यात्रा है। श्री अमरनाथ यात्रा सनातन संस्कृति और विविधता में एकता और सौहार्द की प्रतीक है। सभी श्रद्धालुओं को हमारी शुभकामनाएं। —————–