नईदिल्ली, ०८ जुलाई [एजेंसी]। सीबीआई ने एक अमेरिकी महिला के साथ चार लाख अमेरिकी डालर (करीब 3.37 करोड़ रुपये) की तकनीकी धोखाधड़ी के आरोप में पांच आरोपितों और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपितों की पहचान प्रफुल्ल गुप्ता, सरिता गुप्ता, कुणाल अलमादी, गौरव पाहवा और ऋषभ दीक्षित के रूप में हुई है। ऋषभ कानपुर का रहने वाला है जबकि बाकी सभी दिल्ली में रहते हैं। सीबीआई के अनुसार, यह आरोप लगाया गया कि जब पीडि़ता अपने लैपटॉप पर काम कर रही थी, तो उसे हैक कर लिया गया। उसने अपने लैपटाप स्क्रीन पर प्रदर्शित नंबर पर संपर्क किया तो हैकर ने खुद को एक मल्टी-नेशनल साफ्टवेयर कंपनी का कर्मचारी बताया और उसे गुमराह किया कि उसके सेवानिवृत्ति खाते से कुछ वायर ट्रांसफर हुए हैं और उसे फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स (अमेरिका की म्यूचुअल फंड कंपनी) से संपर्क करने का सुझाव दिया। पीडि़ता ने दिए गए नंबर पर फोन किया, हैकर ने उसके लैपटाप पर नियंत्रण कर लिया और उसे उसके फिडेलिटी खाते से उसके फस्र्ट स्टेट बैंक खाते में 3.37 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद हैकर ने पीडि़ता की ओर से धोखाधड़ी से एक ओककाइन (क्रिटोकरेंसी एक्सचेंज) खाता खोला और जून 2022 में उसे उक्त ओककाइन खाते में 3.37 करोड़ रुपये की उक्त राशि हस्तांतरित कर दी। इसके बाद हस्तांतरित राशि को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर हैकर ने उक्त राशि को आरोपित व्यक्तियों के क्रिप्टो खातों में स्थानांतरित कर दिया। सीबीआइ नई दिल्ली, कानपुर में आरोपितों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई और लैपटाप, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क आदि के रूप में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। आगे की जांच चल रही है। —————