कोरबा। नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण करने के बाद भी 13 जुलाई तक आवेदन नहीं देने पर कार्रवाई हो सकती है। प्रशासन ने तय कर दिया है कि आगे अवैध निर्माण को तोडऩे की कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित तिथि के बाद आवेदन नहीं लिए जाएंगे। आवेदन नहीं देने वालों की जोन वार सूची भी बनाई जाएगी।राज्य शासन ने बिना अनुमति के निर्माण कराने वाले लोगों को नियमितीकरण कराने की छूट दी है। निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद समिति नियमितीकरण की मंजूरी देती है। निगम क्षेत्र में अभी तक दो हजार आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से 1579 आवेदनों की जांच के बाद नियमितीकरण की मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 400 आवेदनों पर जांच की जा रही है। अवैध भवनों का नियमितीकरण नहीं कराने पर आने वाले समय में मालिकों को कई तरह की परेशानी हो सकती है। तय समय पर नियमितीकरण के लिए आवेदन नहीं करने वालों से अवैध निर्माण का राजीनामा कराया जाएगा। लेकिन राजीनामा में केवल 10 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण को ही वैध किया जाएगा। बाकी निर्माण को अवैध ही माने जाएगा। इसके अलावा जिन भवनों में पार्किंग नहीं है उन कांप्लेक्स और मकानों का राजीनामा भी नहीं होगा। राजीनामा नहीं होने की स्थिति में ऐसे सभी निर्माण अवैध होंगे और उन्हें तोडऩे की कार्रवाई भी हो सकती है। आवेदनों को नियमितीकरण समिति ही मंजूरी देती है। कलेक्टर संजीव कुमार झा इन लोगों को कई बार योजना का फायदा उठाने के लिए आगरा भी कर चुके हैं। इसके बाद ही बहुत कम आवेदन आए हैं।जानिए: नियमितीकरण कराने के क्या हैं फायदे 6 आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल दुकान बना लिए हैं तो उसे भी नियमित किया जाएगा। राजीनामा किए जाने की तुलना में कम रकम लगेगी। 6 नियमितीकरण के बाद भविष्य में संपत्ति को बिना किसी विवाद के बेच सकेंगे। नाम ट्रांसफर भी आसानी से होगा। 6 नियमितीकरण कराने के बाद ऊपर के तलों में निर्माण किया जाता है तो उस पर बैंक लोन भी आसानी से मिलेगा।