बयानवाशिंगटन, १८ जुलाई [एजेंसी]। पाकिस्तान की सेना द्वारा अफगानिस्तान में आतंकवादियों को पनाह दिए जाने पर व्हाइट हाउस ने चिंता व्यक्त की है। व्हाइट हाउस ने कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि पाकिस्तान या उसकी सीमा पर मौजूद अफगान शरणार्थी आंतकवादी घटनाओं में शामिल हैं।व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि हमने इस बात के कोई संकेत नहीं देखे हैं कि पाकिस्तान या उसकी सीमा पर अफगान शरणार्थी आतंकवाद कृत्यों के दोषी हैं। किर्बी ने कहा कि हम उस अविश्वसनीय उदारता के लिए पाकिस्तान के आभारी हैं, जिन्होंने इतने सारे अफगानों के लिए जगह प्रदान की है। हम पाकिस्तान के साथ काम करना जारी रखेंगे क्योंकि हम उनके वैध आतंकवाद संबंधी खतरों पर काम करते रहेंगे।पाकिस्तानी सेना के अनुसार, अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे पाकिस्तान के दक्षिणी बलूचिस्तान प्रांत में एक सैन्य अड्डे पर इस्लामी लड़ाकों के हमले में नौ सैनिकों की मौत हो गई थी। पिछले सप्ताह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकवादी समूह का हवाला देते हुए कहा गया था कि पाकिस्तान की सेना को अफगानिस्तान में टीटीपी के लिए उपलब्ध सुरक्षित ठिकानों और कार्रवाई की स्वतंत्रता पर गंभीर चिंता है। इसमें कहा गया कि ऐसे हमले असहनीय हैं और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की ओर से प्रभावी प्रतिक्रिया दी जाएगी। हालांकि, काबुल ने पिछले आरोपों से इनकार किया है कि वह आतंकवादी समूहों को अपने क्षेत्र से पाकिस्तान पर हमले शुरू करने की अनुमति देता है। बलूचिस्तान एक खनिज समृद्ध क्षेत्र है जो दशकों पुराने जातीय बलूच विद्रोह से परेशान है।बलूच विद्रोह का लक्ष्य यहां से पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है।