राजस्थान में गहलोत सरकार ने चार साल बाद फिर से सरकारी स्कूलों की यूनिफॉर्म का रंग बदल दिया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही 80 लाख सरकारी स्कूली बच्चों की ड्रेस बदली जाएगी। राज्य सरकार ये ड्रेस निशुल्क देगी। छात्रों के लिए हल्के नीले रंग की शर्ट और गहरे भूरे रंग की पैंट है। जबकि छात्राओं के लिए हल्के नीले रंग का कुर्ता या शर्ट और भूरे रंग की सलवार या स्कर्ट साथ ही गहरे भूरे रंग का दुपट्टा तय किया गया है। सर्दियों के दौरान स्टूडेंट्स यूनिफॉर्म में गहरे भूरे रंग का कोट या फिर स्वेटर पहनेंगे। राजस्थान में छात्रों के लिए हल्के नीले रंग की शर्ट और गहरे भूरे रंग की पैंट है। जबकि छात्राओं के लिए हल्के नीले रंग का कुर्ता या शर्ट और भूरे रंग की सलवार या स्कर्ट साथ ही गहरे भूरे रंग का दुपट्टा तय किया गया है। राजस्थान में छात्रों के लिए हल्के नीले रंग की शर्ट और गहरे भूरे रंग की पैंट है। जबकि छात्राओं के लिए हल्के नीले रंग का कुर्ता या शर्ट और भूरे रंग की सलवार या स्कर्ट साथ ही गहरे भूरे रंग का दुपट्टा तय किया गया है। 500 साल पुराना है यूनिफॉर्म का इतिहास स्कूल यूनिफॉर्म की प्रथा इंग्लैंड में 16वीं शताब्दी से शुरू हुई। तब छात्रों को एक यूनिफॉर्म दी जाती थी जिसमें एक लंबा नीला कोट और पीला ट्राउजर और घुटने तक ऊंचे मोजे होते थे। वहां के चैरिटी स्कूलों में जहां अक्सर गरीब बच्चों के लिए यूनिफॉर्म स्कूल से दी जाती थी। स्कूल यूनिफॉर्म पहनने की प्रथा को कई अन्य देशों ने भी अपनाया है। सामाजिक भेदभाव भूल पढ़ाई में मन लगाने के लिए आई यूनिफॉर्म केन्द्रीय विद्यालय की स्कूल टीचर स्वर्णलता विश्वास कहती हैं कि स्कूली बच्चों के लिए एक जैसी यूनिफॉर्म बच्चों के अंदर हीन भावना नहीं लाने देती है। सभी बच्चे एक जैसे लगते हैं। इससे अमीरी-गरीबी का पता नहीं चलता। माना गया था कि अगर यूनिफॉर्म स्कूल में लागू न की जाए तो अमीर घर के बच्चे रोज नए कपड़े पहन कर आयेंगे और गरीब घरों के बच्चे हैं ऐसा नहीं कर सकते। इससे बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। हो सकता है कि कुछ बच्चे इसी वजह से स्कूल आना छोड़ देंगे। अगर यूनिफॉर्म स्कूल में लागू न की जाए तो अमीर घर के बच्चे रोज नए कपड़े पहन कर आयेंगे और गरीब घरों के बच्चे हैं ऐसा नहीं कर सकते। इससे बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। अगर यूनिफॉर्म स्कूल में लागू न की जाए तो अमीर घर के बच्चे रोज नए कपड़े पहन कर आयेंगे और गरीब घरों के बच्चे हैं ऐसा नहीं कर सकते। इससे बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। स्कूल यूनिफॉर्म के हर रंग का महत्व 1.सफेद- ज्यादातर स्कूलों में , सफेद शर्ट की वजह यह है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भी सफेद रंग है जो शांति का प्रतीक है। इसलिए ज्यादातर स्कूल या कॉलेजों में सफेद ड्रेस का प्रयोग किया जाता है। यह शांति के साथ-साथ शोक का भी प्रतीक है। इसलिए किसी की मौत होती है तो सफेद पहनते हैं। इसके अलावा सफेद रंग गर्मियों में ठंडक का अहसास देता है। सफेद शर्ट की वजह यह है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भी सफेद रंग है जो शांति का प्रतीक है। सफेद शर्ट की वजह यह है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भी सफेद रंग है जो शांति का प्रतीक है। 2.पीला-पीला रंग ज्ञान और विद्या का प्रतीक है। शांति, खुशी, सुकून, ऐश्वर्य यश, योग्यता, एकाग्रता और उन्नति का प्रतीक है। यह रंग नए-नए स्वस्थ विचार मन में पैदा करता है। जब भी हमारे यहां कोई धार्मिक कार्य या पूजा-पाठ होता है तो हम सबसे पहले पहनने को पीला रंग चुनते है। यह शुभ का प्रतीक है। इसलिए जब किसी पेंटिंग में खुशहाली दिखानी होती है तो पीले रंग का चुनाव करते हैं। पीला रंग शुभ का प्रतीक है। जब भी हमारे यहां कोई धार्मिक कार्य या पूजा-पाठ होता है तो हम सबसे पहले पहनने को पीला रंग चुनते है। पीला रंग शुभ का प्रतीक है। जब भी हमारे यहां कोई धार्मिक कार्य या पूजा-पाठ होता है तो हम सबसे पहले पहनने को पीला रंग चुनते है। 3.लाल- लाल रंग करेज, इच्छाशक्ति, स्पिरिट और अंदरूनी हिम्मत को दर्शाता है। यह उत्सव का भी रंग है और विरोध का भी। तभी जब भी किसी चीज का विरोध करना होता है तो लोंग लाल रंग का इस्तेमाल करते हैं। ल रंग करेज, इच्छाशक्ति, स्पिरिट और अंदरूनी हिम्मत को दर्शाता है। ल रंग करेज, इच्छाशक्ति, स्पिरिट और अंदरूनी हिम्मत को दर्शाता है। 4.नीला- नीला रंग आसमान का रंग है. यह सूकून, प्रेम, कोमलता, विश्वास, स्नेह ,वीरता का प्रतीक है। नीला रंग आसमान का रंग है. यह सूकून, प्रेम, कोमलता, विश्वास, स्नेह ,वीरता का प्रतीक है। नीला रंग आसमान का रंग है. यह सूकून, प्रेम, कोमलता, विश्वास, स्नेह ,वीरता का प्रतीक है। 5.हरा- ताजगी, हरियाली, सकारात्मकता ,गौरव और प्रसन्नता का प्रतीक है। हमारे खेत-खलिहान, नेचर ,सब कुछ हरा है। हरे रंग के बिना जिंदगी मुमकिन नहीं है। हरा- ताजगी, हरियाली, सकारात्मकता ,गौरव और प्रसन्नता का प्रतीक है। हरा- ताजगी, हरियाली, सकारात्मकता ,गौरव और प्रसन्नता का प्रतीक है। 6.गुलाबी- गुलाबी रंग खुशी, सुकून और ठहराव का प्रतीक है। 7.नारंगी- नारंगी सकारात्मकता का प्रतीक है। माइथोलॉजी के अनुसार, महाभारत में झंडे का रंग भी नारंगी था. भगवान को भा नारंगी रंग का टीका लगाते हैं। मायथॉलॉजी के अनुसार, महाभारत में झंडे का रंग भी नारंगी था. भगवान को भा नारंगी रंग का टीका लगाते हैं। मायथॉलॉजी के अनुसार, महाभारत में झंडे का रंग भी नारंगी था. भगवान को भा नारंगी रंग का टीका लगाते हैं। 8.काला- काला रंग कोई रंग नहीं होता है। यह कई रंगों का मिश्रण होता है. यह उदासी का भी प्रतीक है और सादगी का भी। इसके साथ ही हम काले रंग को शोक में भी पहनते हैं. इसलिए पूजा-पाठ में काला रंग नहीं पहना जाता है। विभिन्न देशों में स्कूल यूनिफॉर्म भारत- भारत में सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में यूनिफॉर्म अनिवार्य है। यहां स्कूलों में लड़के शर्ट और ट्राउजर पहनते हैं और लड़कियां स्कर्ट और शर्ट या सलवार-कुर्ता और दुपट्टा पहनती हैं। ऑस्ट्रेलिया- अधिकांश ऑस्ट्रेलियाई प्राइवेट और सभी कैथोलिक स्कूलों के साथ-साथ पब्लिक स्कूलों में भी यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य है। पब्लिक स्कूलों में, यूनिफॉर्म आमतौर पर जूनियर्स लड़कों के लिए पीली शर्ट, ट्राउजर या स्कर्ट होती है। इसके साथ स्कूल नेकटाई और एक वी-नेक पुलओवर या स्वेटर होता है। वहीं लड़कियों के लिए स्कर्ट और पुलोवर होता है। ब्राजील- ब्राजीलियाई स्कूल की यूनिफॉर्म में लड़कों के लिए स्वेटपैंट्स या बरमूडा शॉर्ट्स और एक स्वेटशर्ट या हुडी के साथ टी-शर्ट होती है। लड़कियों के लिए यूनिफॉर्म में लेगिंग या शॉर्ट्स होते हैं, हालांकि लड़कियां मिनी स्कर्ट या स्कर्ट भी पहन सकती हैं। कंबोडिया- कंबोडिया में आमतौर पर लड़के सफेद शर्ट और काले रंग के शॉर्ट्स पहनते हैं। लड़कियां सफेद शर्ट और स्कर्ट पहनती हैं। उनकी स्कर्ट स्कूल और उनकी उम्र के आधार पर रंग और लंबाई में अलग होती है। इसके साथ कलरफुल शर्ट और स्लैक होते हैं। हाई स्कूल तक लड़कियों को काली या नीली लंबी स्कर्ट पहननी होती है। कनाडा- कनाडा में स्कूल के बच्चे नीले शर्ट और गहरे रंग के ट्राऊजर पहनते है। वहीं लड़कियां स्कर्ट या ट्राउजर पहनती हैं। स्कूल ड्रेस के साथ लंबे मोजे और लंबे जूते पहनने होते हैं। चिली- चिली में ज्यादातर स्कूलों में यूनिफॉर्म गायब हो गई है। अब यहां बच्चे अपने मन मुताबिक कपड़े पहनते हैं, सिर्फ स्कूल यूनिफॉर्म के तौर पर एक ब्लेजर पहनना होता है। चीन- मुख्य चीन में यूनिफॉर्म में आम तौर पर पांच सेट होते हैं। यहां के बच्चों के पास 2 फॉर्मल सेट और 3 रूटीन सेट। एक फॉर्मल सेट सोमवार या विशेष अवसरों (स्कूल की वर्षगांठ, स्कूल समारोह, आदि) पर पहना जाता है। इनमें एक सफेद कॉलर वाली शर्ट होती है जिसके ऊपर स्वेटर और लड़कियों के लिए स्कर्ट और लड़कों के लिए एक सूट होता है। कोलंबिया- कोलंबिया में यूनिफॉर्म में दो सेट होते हैं, एक रोज पहनने के लिए और एक फिजिकल ट्रेनिंग के लिए। लड़कियों के लिए घुटने की लंबाई तक की स्कर्ट, सफेद टी-शर्ट और सफेद मोजे होते हैं। स्पोर्ट्स यूनिफॉर्म में स्वेट पैंट, कॉलर वाली टी-शर्ट और सफेद स्पोर्ट्स शूज होते हैं। यूनिफॉर्म के डिजाइन और रंग स्कूल के रंगों और प्रिंसिपल की पसंद पर निर्भर करते हैं। फ्रांस- फ्रांसीसी स्कूलों में यूनिफॉर्म लागू नहीं की गई है। जर्मनी- जर्मनी में स्कूल यूनिफॉर्म पहनने की कोई परंपरा नहीं है और आज सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों या विश्वविद्यालयों के लगभग सभी छात्र स्कूल यूनिफॉर्म नहीं पहनते हैं। हांगकांग- हांगकांग में कैथोलिक स्कूल में यूनिफॉर्म की परंपरा का पालन करते हैं। यहां हर स्कूल अपनी लोकेशन के अनुसार यूनिफॉर्म का रंग पसंद करता है। इसके साथ वहां के बच्चों को एक टोपी भी पहननी होती है। इंडोनेशिया प्राथमिक विद्यालय में लड़कों के लिए लाल शॉर्ट्स के साथ एक सफेद छोटी बाजू की शर्ट पहनते हैं, और लड़कियों के लिए घुटने के नीचे तक की लाल स्कर्ट है। लोअर सेकेंडरी स्कूल में लड़के नेवी ब्लू शॉर्ट्स या शॉर्ट-स्लीव व्हाइट शर्ट के साथ ट्राउजर पहनते हैं। लड़कियां लंबी नेवी ब्लू स्कर्ट और छोटी बाजू की सफेद शर्ट पहनती हैं।