जांजगीर। अभी तक सोने पर हालमार्क का 5 अंकों की सील लगती थी, लेकिन एक अप्रैल से 6 अंकों की हालमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी करने जा रहा है। ज्वेलर्स कोई भी गहना बिना इस नंबर के नहीं बच सकेगा, यदि ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उस पर जुर्माना भी लगेगा और जेल भी जाना पड़ेगा। इस अंक से ऑनलाइन पता किया जा सकेगा कि यह गहना कहां पर बना और किसके द्वारा बेचा व खरीदा गया।
साथ ही जेवर में कितने कैरेट सोने का है। केंद्र सरकार ने सोना और ज्वेलरी खरीदने-बेचने के नियमों में बदलाव कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन डिजिट (एचयूआइडी) वाले सोने के गहने और कलाकृतियों को नहीं बेचा जा सकेगा। हालांकि सरकार की ओर सेे करीब 2 साल का समय भी इस ज्वेलरी को बेचने के लिए दिया गया था, जो नाकाफी रहा।
अभी तक 14, 18, 20 और 22 कैरेट सोने के आभूषण पर ही ये नियम लागू था। सराफा व्यापारी संघ के अध्यक्ष विजय सोनी ने बताया कि सराफा बाजारों में 1 अप्रैल से बाजारों में 6 अंकों की हालमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर के साथ सोने की खरीदी-बिक्री होगी। सराफा व्यापारी 1 अप्रैल के बाद केवल हालमार्क वाले सोने के जेवरों की खरीदी-बिक्री कर सकते हैं। नए नियम के बाद व्यापारी सोने के जेवरों में हेराफेरी नहीं करा सकेंगे। इस अंक से ऑनलाइन पता किया जा सकेगा कि यह गहना कहां पर बना और किसके द्वारा बेचा व खरीदा गया। साथ ही जेवर में कितने कैरेट सोने का है।
बैगर लाइसेेंस के नहीं बेच सकेंगे
सोने के गहनों की शुद्धता का पैमाना कहे जाने वाले हॉलमार्क पर सरकार ने सख्ती कर दी है। 1 अप्रैल से बिना हॉल-मार्किंग गोल्ड ज्वेलरी नहीं बिक सकेगी। हालमार्क के इस अंक से ऑनलाइन पता किया जा सकेगा कि यह गहना कहां पर बना और किसके द्वारा बेचा व खरीदा गया व कितने कैरेट सोने का है। जिसके लिए अब भी सोने से जुड़े व्यापारियों को भारत मानक ब्यूरो में रजिस्टर करना अनिवार्य होगा।