रांची, ०८ जुलाई [एजेंसी]। राज्य में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 15 लाख के गिरफ्तार आरोपित कृष्णा हासदा उर्फ सौरभ दा उर्फ अविनाश दा उर्फ कृष्णा मांझी उर्फ आनंद मामले में 30 जून को प्राथमिकी दर्ज की है।एनआईए की रांची शाखा की वर्ष 2023 में यह पहली प्राथमिकी है। कृष्णा हांसदा 16 जनवरी को गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र स्थित लुसियो जंगल से गिरफ्तार हुआ था। तब वह लेवी लेने के लिए अपने एक अन्य साथी अभिजीत कोड़ा के साथ आया था।अभिजीत कोड़ा जंगल का लाभ उठाकर भाग निकला था। कृष्णा ने पुलिस को बताया था कि वे दोनों स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य रामदयाल महतो के निर्देश पर लेवी वसूलने आए थे कि पुलिस से सामना हो गया। लेवी किससे वसूलना था, यह रामदयाल को पता था।एनआईए ने गिरिडीह के डुमरी थाने में 16 जनवरी को दर्ज प्राथमिकी को ही टेकओवर किया है। इसमें कृष्णा के अलावा स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य गिरिडीह के मधुबन थाना क्षेत्र के पीपराडीह निवासी रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ निलेश दा व बिहार के जमुई निवासी नक्सली अभिजीत कोड़ा तथा अन्य अज्ञात नक्सलियों को आरोपित बनाया गया है। कृष्णा हांसदा मूल रूप से गिरिडीह के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के मंडलडीह स्थित लेढवा टोला का रहने वाला है। झारखंड पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से एक यूएसए निर्मित एक 7.65 बोर की पिस्टल, छह कारतूस, दो लाख 15 सौ 20 रुपये नकद, नक्सली साहित्य व लेवी से संबंधित कागजात की बरामदगी की थी। गिरिडीह के डुमरी थानेदार गोपाल कुमार महतो के बयान पर ही डुमरी थाने में आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उन्होंने बताया था कि 16 जनवरी की सुबह एसपी गिरिडीह को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली कृष्णा हांसदा अपने दस्ता के साथ गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र के लुसियो टोला, रुसवाटांड़ जंगल में एकत्रित हुआ है और वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। इसी सूचना पर वे एसडीपीओ डुमरी के साथ-साथ निमियाघाट, मधुबन, पीरटांड़ के थानेदार व सशस्त्र बल के साथ सूचना के सत्यापन के लिए निकल पड़े। इसके बाद डुमरी के लुसियो जंगल की घेराबंदी शुरू हुई। घेराबंदी के दौरान भागने के क्रम में कृष्णा हांसदा पकड़ा गया था और उसके अन्य साथी जंगल का लाभ लेकर भाग निकले थे। कृष्णा हांसदा के पास से एक 7.65 एमएम का लोडेड पिस्टल व छह कारतूस मिला था। वहीं, उसके पाकेट से दो लाख 15 सौ 20 रुपये नकदी भी मिले थे।एक कागज पर शशिकांत धनबाद व संत कुमार देव के नाम से विभिन्न सड़क से संबंधित प्राक्कलन राशि का ब्यौरा अंकित मिला था। एक सादा कागज पर कामरेड सौरभ दा आराक जोहार से संबोधित चि_ी, छोटा-छोटा दो कागज में राशन व लेवी से संबंधित हिसाब व पूर्व में मारे गए नक्सली सुंदर मरांडी की याद में समर्पित नक्सल साहित्य बरामद हुआ था।कृष्णा हांसदा ने घटनास्थल से भागे हुए साथियों के बारे में बताया था कि उनमें से एक नक्सली भाकपा माओवादी संगठन का अभिजीत कोड़ा है जो बिहार के जमुई का रहने वाला है। ये दोनों गिरिडीह के मधुबन थाना क्षेत्र के पिपराडीह निवासी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य रामदयाल उर्फ बच्चन उर्फ निलेश दा के निर्देश पर लेवी वसूलते थे। वे लेवी का पैसा ही लेने के लिए वहां गए थे कि पुलिस ने उन्हें पकड़ा। लेवी देने वाले के बारे में रामदयाल ही बता सकता था।एनआईए ने प्राथमिकी दर्ज करने से पहले मई महीने में लंबी पूछताछ की है। टेरर फंडिंग के एक अन्य मामले में एनआईए ने जनवरी 2021 में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के पूर्व कर्मी मनोज कुमार यादव उर्फ मनोज कुमार सहित चार नक्सलियों पर पूरक आरोप पत्र दाखिल की थी।जिनपर आरोप पत्र दाखिल किया गया था, उनमें मनोज कुमार के अलावा कृष्णा हांसदा, सुनील मांझी व मनोज कुमार चौधरी भी शामिल थे। रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में एनआईए ने बताया था कि गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र में 21 जनवरी 2018 को मनोज कुमार को छह लाख रुपये व संदिग्ध दस्तावेज के साथ पकड़ा गया था।तब पुलिस की छानबीन में पता चला था कि मनोज कुमार के पास से बरामद रुपये ठेकेदारों से माओवादियों के नाम पर लेवी के रूप में वसूले गए थे। मनोज ने इसे स्वीकारा था। इसके बाद एनआईए ने इस केस को टेकओवर करते हुए 21 जुलाई 2018 को एक केस दर्ज किया था।