कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड गेवरा क्षेत्र की माइंस में पिछली रात्रि पीसी133 काम के दौरान काफी ऊंचाई से गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सामान्य तौर पर पीसी के साथ ऐसे मामले नहीं होते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ। घटना में वाहन को ऑपरेट कर रहा करनैल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे बेहतर चिकित्सालय भेजने को लेकर प्रबंधन के अधिकारियों ने खास दिलचस्पी नहीं ली। खबर के मुताबिक बृहस्पतिवार की रात्रि को दूसरी पाली में यह घटना लगभग 8.30 बजे गेवरा माइंस में घटित हुई। एसईसीएल की सिंघाली परियोजना से कुछ महीने पहले स्थानांतरित होकर आए सॉवेल ऑपरेटर 38 वर्ष के द्वारा पीसी को ऑपरेट किया जा रहा था। प्रबंधन ने बताया कि पीसी को चलाने के लिए उन्हीं कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है जो उच्च प्रशिक्षित हैं। विश्व की सबसे बड़ी गेवरा कोल माइंस से ज्यादा कोयला उत्पादन के लिए कोल इंडिया ने अधिकतम संसाधन दिए हैं और इसके हिसाब से कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। इसके अंतर्गत दैनिक रिपोर्टिंग भी की जा रही है। पिछली रात्रि को द्वितीय पाली में गेवरा माइंस के फेस के पास के इलाके में बेंच (आवाजाही के लिए पर्याप्त समुचित जगह) बनाने का काम पीसी 133 कर रहा था। खदानों में कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए इस तरह के हैवी मशीनरी का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है। सूत्र बताते हैं कि इन वाहनों की संरचना इस तरह की है कि कभी-कभार अचानक फिसलने पर भी ये बिना किसी दिक्कत के आगे पहुंच जाते हैं और खरोंच तक नहीं आती। अबकी बार ऐसा कुछ हुआ कि वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया। इसके नतीजन इसे ऑपरेट करने वाले करनैल सिंह के बाएं हाथ और दाएं पैर की हड्डी के अलावा कमर के हिस्से में काफी फ्रैक्चर आए हैं। माइनिंग एरिया में हुई दुर्घटना की खबर होने के साथ माइंस रेस्क्यू टीम के अलावा प्रबंधन के अधिकारी पहुंचे। आनन-फानन में विभागीय एंबुलेंस के माध्यम से पीडि़त ऑपरेटर को गेवरा के केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया गया। वहां पर प्राथमिक चिकित्सा के बाद कर्मी को अपोलो बिलासपुर के बजाय कोरबा रेफर कर दिया गया। इस पर कर्मचारी हैरानी जता रहे हैं। पीडि़त की चोटों के बारे में परिजनों सहित अन्य संबंधितों को बता दिया गया है। उसकी स्थिति खतरे के भीतर बताई जा रही है। डीजीएमएस करेगा जांच खदान क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर खान सुरक्षा महानिदेशालय न केवल संज्ञान लेता है बल्कि जांच के साथ कार्रवाई करता है। गेवरा के घटनाक्रम के संबंध में डीजीएमएस तक बात पहुंच गई है। ऐसे में संभव है कि जल्द ही टीम यहां पहुंचकर इस बारे में प्राथमिक जानकारी हासिल करेगी। यह बात अलग है कि कोरबा जिले में एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में विभागीय सुरक्षा के अलावा कर्मचारियों की सेफ्टी कमेटियां बनी हुई है जो आए दिन यहां-वहां दौरे करने के साथ कई प्रकार के दावे करती है। इन सबके बावजूद आखिर किन कारणों से ऐसी घटनाएं हो रही है, यह अपने आपमें किसी पहेली से कम नहीं है।