चरचा कालरी। एसईसीएल चरचा कालरी प्रबंधन का कार्यालय अक्सर कार्मिक विभाग की लापरवाही और मनमानी के लिए चर्चित रहता है। हाल ही में विभागीय आवक-जावक शाखा की कार्यशैली को लेकर सवाल उठे हैं। हमारे देश में बुजुर्ग नागरिकों को विशेष सुविधाएँ और रियायतें दी जाती हैं, लेकिन चरचा कालरी प्रबंधन कार्यालय को बुजुर्गों की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं दिखता। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण चरचा कालरी के दिवंगत सेवानिवृत्त कर्मचारी अमोल सिंह की 64 वर्षीय विधवा पत्नी, श्रीमती फुल सुंदरी, जो की पिछले चार वर्षों से पेंशन के लिए प्रबंधन कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं। बुजुर्ग महिला चरचा कालरी से 15 किलोमीटर दूर, ग्राम लालिमाटी, पोस्ट नगर में रहती हैं, जहां पहुंचने के लिए कोई परिवहन सुविधा नहीं है। महिला का कहना है कि पति की मृत्यु के बाद पेंशन ही उनकी आय का एकमात्र स्रोत है। खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के कारण वह बार-बार कार्यालय नहीं जा सकतीं।
गत दिवस बुजुर्ग महिला ने अपने परिचित के माध्यम से प्रबंधन कार्यालय को पेंशन चालू करने हेतु एक नया आवेदन भिजवाया। लेकिन आवक-जावक शाखा की महिला कर्मचारियों ने यह कहते हुए आवेदन लेने से इनकार कर दिया कि आवेदक को स्वयं आकर आवेदन देना होगा। जब यह बताया गया कि श्रीमती फुल सुंदरी बीमार हैं और आने में असमर्थ हैं, तो भी कर्मचारियों ने आवेदन नहीं लिया। उनका कहना था कि हमारे अधिकारियों का दिशा निर्देश है कि आवेदक को स्वयं आकर आवेदन देना होगा। जब यह मामला स्थानीय लोगों के माध्यम से कार्मिक प्रबंधक और क्षेत्र प्रबंधक के संज्ञान में लाया गया, तो क्षेत्र प्रबंधक ने तत्काल आवेदन मंगा कर संबंधित शाखा को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से विभागीय आवक-जावक शाखा के कार्यों में अनियमितताएँ सामने आ रही हैं। स्थानीय कर्मचारियों और नागरिकों ने बताया कि आवेदन स्वीकार करने से अक्सर इनकार कर दिया जाता है और कई बार अनावश्यक कागजों की मांग की जाती है। साधारण आवेदन के लिए भी लेबर ऑफिसर की अनुमति मांगी जाती है, जो कि शासकीय निर्देशों के खिलाफ है। जबकि इसके विपरीत क्षेत्रीय मुख्यालय बैकुंठपुर में आवेदन हेतु किसी प्रकार की बढ़ता नहीं है बेहद सरल तरीके से क्षेत्रीय मुख्यालय में आवेदन लिए जाते हैं।इस घटना ने चरचा कालरी प्रबंधन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र के संवेदनशील महाप्रबंधक को इस समस्या से अवगत कराया गया है। अब देखना यह है कि बुजुर्ग महिला और अन्य नागरिकों को विभागीय मनमानी से निजात मिलती है या नहीं।