कोरिया पांडवपारा। एसईसीएल पांडवपारा में 1989 और 1990 से खोड़ सोरंगा टेमरी पंचायत के लगभग 150 ग्रामीण किसान की भूमि कोयला खदान संचालित करने के लिए अग्रहित की गई लेकिन किसानों को उनकी जमीन के बदले एसईसीएल के द्वारा आज तक रोजगार नहीं दिया गया रोजगार के लिए किसानों ने कई बार संबंधित अधिकारियों के पास आवेदन दिए जिसका अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ देख पीडि़त किसान 2013 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा यह आंदोलन की गई थी लेकिन उससे भी कोई सफलता नहीं इसके बाद सोरंगा पंचायत भवन 19 अक्टूबर में बैठक हुआ था वहां पे उपस्थित राज्य से विभाग की टीम एसईसीएल प्रबंधक और समस्त ग्रामीण जन उपस्थित रहे और राजस्व विभाग ने 45 दिन के अंदर निराकरण करने की बात कही थी लेकिन उसके बाद निराकरण नहीं हुई और पुन: 20 दिसंबर शुक्रवार को जिन किसानों के जमीन के बदले नौकरी नहीं मिले हुए अपने परिवार जनों के साथ सडक़ पर उतर गए वह कॉल परिवहन को पूरी तरह से बंद कर दिया सुबह 7:00 बजे से अन्न जल त्याग आंदोलन पर बैठे रहे वही एसईसीएल के अधिकारी व कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए आंदोलनकारी की मांग है की एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन के एवज में 116 से 150 ग्रामीण किसानों को आज तक रोजगार नहीं दिया गया इसलिए हमारे द्वारा एसईसीएल से मांग किया जा रहा है कि 40 वर्षों का पूर्ण रोजगार 0.01 अरे भूमि के हिसाब से या एक क्वालिटी कमी जो भूमि के युवाज में रोजगार प्राप्त करने के जितना राशि प्राप्त किया है वह सेवानिवृत्ति के बाद एक मुश्त जमा राशि बोनस का पूर्ण हिसाब के साथ दिया हो या 35 से 36 वर्ष का है हर्जाना 30 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से वह जमीन की वापसी या 8 लाख प्रति डिसमिल के हिसाब से मुआवजा राशि दे हो या एक करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दिया हो।
चक्का जाम स्थल पर एसडीएम दीपिका नेताम डीएसपी राजेश साहू श्याम मधुकर तहसीलदार प्रतीक जायसवाल वह पुलिस बल मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारी को समझाते रहे। एसडीएम दीपिका नेताम के समझाइए के बाद सभी किसानों का फिर से एक एक किसान का आवेदन मांगा गया और 60 दिन के अंदर निराकरण करने की बात कही लेकिन आंदोलनकारी अभी भी आंदोलन पे डटे हुए हैं किसानों का कहना है कि राजस्व विभाग अरे एसईसीएल प्रबंधक बात करने से अनदेखा कर रहे हैं और अपनी जगह पर पुलिसकर्मी को बात करने के लिए भेजते है।