जांजगीर-चांपा। खुद को अधिकारी बताकर पीडब्ल्यूडी जांजगीर उपसंभाग एसडीओ को फोन में धमकाने और 2 लाख रुपए मांगने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से चार मोबाइल फोन बरामद किया गया।
शनिवार को एसपी कार्यालय में इसका खुलासा करते हुए एएसपी अनिल सोनी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग में पदस्थ एसडीओ दलगंजन पिता राम चन्द्र साय ने 14 जुलाई को थाने में सूचना दी कि विगत 8 जुलाई को दोपहर उसके मोबाइल एक अज्ञात नंबर से व्हाटसअप मैसेज आया। अगले दिन फिर दोपहर को दोपहर में एक व्यक्ति ने उसे फोन किया और खुद को अधिकारी बताते हुए कहा कि मैंने जो मैसेज किया है उसे देखे नहीं हो। तुम्हारे विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत है जिसे खत्म करने के लिए मुझे दो लाख रुपये दो नहीं तो मैं तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा तुम कहीं के नहीं रहोंगे। मना करने पर उसने झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी। उसी शाम करीब 07.30 बजे मुझे अज्ञात नम्बर से फिर से व्हाटस अप मैसेज आया एवं कुछ समय बाद मुझे फोन आया। अपना नाम दिलीप सुपकार बताते हुए कहा कि साहब ने तुमको फोन लगाया था क्या सौंधे हो और फिर से मुझे पैसे की मांग की। पैसे नहीं दोगे तो अंजाम भुगतने के लिये तैयार रहो, अभी मामला पैसे देकर रफा-दफा कर वो कहने लगा। प्रार्थी की रिपोर्ट पर से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। सूचना पर पुलिस ने विशेष टीम व साइबर सेल की मदद से पतासाजी शुरु की। अगल-अलग टीम बिलासपुर एवं ओडिशा भेजा। टीम ने आरोपी दिलीप सूपकार को बिलासपुर एवं उसके साथी गंगेसरानद जगत को खरियार रोड जिला नयापारा ओडिशा में धरदबोचा। उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। इस कार्रवाई में निरीक्षक अशोक कुमार वैष्णव, उपनिरी सुरेश धु्रव, सउनि लंबोदर सिंह, आर प्रशांत चन्द्रा एवं सायबर टीम मुकेश पाण्डेय, प्रआर मनोज तिग्गा जांजगीर का योगदान रहा।
विभाग के पुराने कर्मचारी है आरोपी
हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर आरोपी दिलीप सूपकार ने बताया कि वह वर्ष 1990 से 2002 तक पीडब्लूडी विभाग में डेली वेजेस में काम करता था, वर्ष 2002 में काम से निकाल दिया गया। वर्ष 2013-14 में भी सविदा में पीडब्लूडी में काम किया है। वर्ष 2016 में रायपुर गुढीयरी में गंगेसरानंद से मिला, जिसके साथ मिलकर उसने विभाग के अधिकारियों को इस तरह धमकाकर रुपए कमाने की योजना बताई। पीडब्लूडी में काम करने की वजह से अफसरों के नंबर भी जुटा लिए। बताया जा रहा है कि पूर्व में भी इसी तरह डराकर मोटी रकम वसूली की जा चुकी है। विवेचना में अन्य खुलासे होने की संभावना है।