नईदिल्ली, 0५ जुलाई [एजेंसी]। यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान के बाद केंद्र सरकार ने इस मसौदे पर कवायद तेज कर दी हैं। आने वाले संसदीय सत्र में इस बिल के पेश होने संभावना हैं। हालांकि, कई धार्मिक संगठन और राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर बुधवार को बैठक बुलाई है, बोर्ड के सभी सदस्य वर्चुअल बैठक भाग लेंगे और यूसीसी पर चर्चा करेंगे।भारत के विधि आयोग ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत विभिन्न मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों और जनता से यूसीसी पर विचार साझा करने को कहा था। वहीं एआईएमपीएलबी के महासचिव ने कहा कि यूसीसी पर पहले भी चर्चा हुई और लोगों की इस पर राय जानी थी, जिसके बाद निष्कर्ष निकला कि यूसीसी न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है। इससे पहले, एआईएमपीएलबी ने अपनी कार्यकारी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कार्यान्वयन संभव नहीं है क्योंकि यह एक अनावश्यक अधिनियम होगा।