
सक्ती। मुख्तियारनामा पेश कर आदिवासी जमीन को कलेक्टर की विना अनुमति जमीन रजिस्ट्री मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर जिला गोंगपा धरने में बैठ गई। गोंगपा ने जगदीश बंसल द्वारा तत्कालीन उपपंजीयक प्रतीक खेमका के साथ मिलीभगत कर खरीदने का आरोप लगाया है और कलेक्टर कार्यालय के सामने आंदोलन शुरू कर दिया है। जात हो कि नगर के जगदीश बंसल द्वारा मुख्तियारनामा लगा कर कचनपुर स्थित आदिवासी जमीन लगभग 12 डिसमिल की रजिस्ट्री करा ली गई है। जिसके विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश और जिला पदाधिकारियों सहित पार्टी के लोग कलेक्टर कार्यालय के सामने 19 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है। गोंगपा पदाधिकारियों का आरोप है कि जगदीश बंसल और उपपंजीयक प्रतीक खेमका द्वारा आदिवासी समाज की महिला जानकी बाई की कंचनपुर स्थित 12 डिसमिल भूमि को नियम विरूद्ध जाकर रजिस्ट्री कर दी गई है, जिससे आदिवासी हितो पर सीधे तरीके से कुठाराघात किया गया है। इस संबंध में जिला कलेक्टर के समक्ष भी कार्रवाई के लिए कई बार पत्र लिखने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई गई, जिससे हमारी भावनाएं आहत हुई है। गोंगपा की मांग है कि खरीदार जगदीश बंसल और उपपंजीयक प्रतीक खेमका पर आदिवासी समुदाय हितों के साथ और बाबा साहब के बनाए संविधान के विरुद्ध किए गए कृत्य पर एफआईआर दर्ज की जाए और आदिवासी भूमि को पुन उक्त आदिवासी परिवार के नाम पर किया जाए। साथ ही रजिस्ट्री पत्र में भी जगदीश बंसल और प्रतीक खेमका द्वारा कूटरचना करते हुए उर्फ लगाकर मोनू के नाम के सामने बिना दंडाधिकारी आदेश के हिमांशु जोड़ा गया है जो गलत है. बावजूद इसके कलेक्टर द्वारा उक्त मामले में स्थानीय स्तर पर जांच ना करा शासन को भेज दिया गया है जिसके बाद से ही गोगापा उग्र दिख रही है। अधिवासियों के हितों गोगपा की रक्षा की बात करते हुए धरने पर बैठ गई है।
पूर्व में जमीन के कई मामले हो चुके हैं दर्ज
बता दें कि नगर सहित जिले में ज़मीन के कई मामलों में जगदीश बंसल पर कई मामले दर्ज हैं। वहीं नगर के लोगों का भी कहना है कि जगदीश बंसल द्वारा लगातार जमीन के मामलों में धोखाधड़ी कर शासकीय सहित कई लोगों के निजी भूमि को भी हथिया लिया गया है। बावजूद इसके अब तक किसी भी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। दो वर्ष पूर्व जगदीश बंसल के ठिकानों पर केंद्र सरकार की आईटी विभाग द्वारा छापा मारा गया था। सूत्रों की मानें तो उक्त छापे में भी विभाग को करोड़ों की संपत्ति का वारा न्यारा के दस्तावेज मिले हैं। वहीं बेनामी संपत्ति के भी कई मामले पेंडिंग हैं, फिर भी कार्रवाई के नाम पर सब शून्य नजर आता है।