
सीताराम नायक
जांजगीर चांपा। कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा बच्चों का परीक्षा साप्ताहिक एवं मासिक लिए जाने के लिए निर्देश से इन दोनों जिले के हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य,व्याख्याता एवं शिक्षक खासे नाराज व परेशान हैं जो परीक्षा कार्यों मे लगने के कारण बच्चों को पढ़ाई के लिए अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं जिसके कारण जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आने लगी है।
इस संबंध में अवगत हो कि कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि जिले के सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में साप्ताहिक एवं मासिक परीक्षा लेकर प्राप्त अंकों को विनोबा ऐप के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा जाय, ताकि हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की गतिविधियों का पता चल सके । शायद कलेक्टर आकाश छिकारा की सोच शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है परंतु उन्हें शायद नहीं मालूम कि जिले में संचालित शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में अधिकतर स्थानों पर शिक्षकों की कमी विद्यमान है। कहीं दो-तीन तो कहीं एक,दो शिक्षकों के ऊपर पूरे विद्यालय का भार होने के कारण शिक्षकों को अध्यापन कार्य पूरा कराना ही मुश्किल हो जाता है । ऐसे में प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक परीक्षा लेकर उसे दो दिन मे विनोबा ऐप में अपलोड करना मुश्किल भरा कार्य है । इतना ही नहीं बल्कि प्रत्येक माह के अंत में इन शिक्षकों को मासिक परीक्षा लेने के लिए भी निर्देश जारी किया गया है जिसके परीक्षा परिणाम को जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा कार्यालय में उसी दिन विनोबा ऐप के माध्यम से भेजने को कहा गया है जिसके कारण प्राचार्य एवं शिक्षकों का अधिकतर समय इसी कार्य में निकल जाता है। जो बच्चों की पढ़ाई के लिए तथा विषय को पूरा पढ़ाने के लिए समय नहीं दे पाते हैं,जो उनका मूल कार्य है, उसे वे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा यह है कि शिक्षा की गुणवत्ता चाहने वाले कलेक्टर के इस निर्देश से शिक्षा में सुधार के बजाय गिरावट आने लगी है । उधर उक्त निर्देशों का पालन शिक्षकों एवं प्राचार्यों द्वारा किया जा रहा है परंतु तकनीकी खराबी के कारण विनोबा ऐप में जानकारी समय पर नहीं पहुंचने पर जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि जानकारी भेजने में जरा भी देर हो जाती है तो जिला शिक्षा अधिकारी अधिकारी द्वारा उक्त प्राचार्यों एवं शिक्षकों को तत्काल कार्यालय पहुंचने के लिए निर्देश दिया जाता हैं, जबकि वे स्वयं कार्यालय से नदारत हो जाते हैं ऐसे में दूर दराज से आने वाले प्राचार्यों एवं व्याख्याताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर यह बताना आवश्यक है कि जांजगीर चांपा जिले में संचालित लगभग हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है जहां शिक्षक किसी तरह बच्चों के पूरे विषय को पढ़ाकर साल की परीक्षा के लिए तैयार करते हैं जो दिन-रात मेहनत कर अच्छी गुणवत्ता लाने का प्रयास करते हैं। अब उक्त व्याख्याता एवं शिक्षकों को साप्ताहिक एवं मासिक परीक्षा के कार्यों में लगा दिए जाने से उनके सामने दोहरा संकट छा गया है । जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें बार बार परेशान किया जा रहा है । ऐसे में शिक्षक अपने मूल कार्य जो बच्चों को पढ़ाने का है वह ठीक तरीके से नहीं कर पा रहे हैं । जिनका काम अब केवल साप्ताहिक एवं मासिक परीक्षा लेना एवं जानकारी मुख्यालय को भेजना हो गया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जिला कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा जिस विनोबा ऐप के माध्यम से साप्ताहिक एवं मासिक परीक्षा का रिजल्ट अपलोड कराया जा रहा है तथा शिक्षकों की उपस्थिति के संदर्भ में जानकारी लिया जा रहा है वह ऐप केवल जांजगीर चांपा जिले में ही संचालित है प्रदेश के किसी अन्य जिले में इस ऐप को नहीं अपनाया गया है ऐसे में विनोबा ऐप को इतना महत्व देना समझ से परे है। बताया जाता है कि विनोबा ऐप कलेक्टर आकाश छिकारा के किसी गरीबी व्यक्ति का है जिन्हें उपकृत करने के लिए कलेक्टर द्वारा इस जिले में शिक्षा विभाग में लागू किया गया है।