
कानपुर। 167वें मछुआ क्रांति दिवस में शामिल होने सत्ती चौरा घाट पर गुरुवार को पहुंचे प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद की पत्नी मालती निषाद की मंच पर अचानक तबीयत बिगड़ गई। कार्यकर्ताओं ने उन्हें कुर्सी समेत उठाकर कार तक पहुंचाया जहां से उन्हें हृदयरोग संस्थान ले जाया गया। इससे पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जय फलस्तीन कहने वालों को संसद में रहने का अधिकार नहीं है। प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 के शहीद लोचन निषाद, समाधान निषाद सहित 167 क्रांतिकारियों के बलिदान दिवस समारोह में शामिल होने के लिए सत्ती चौरा पहुंचे मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने बलिदान स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वह बलिदानियों की चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे थे, तभी उनकी पत्नी मालती निषाद ने घबराहट और बेचैनी की समस्या बताई। वह मंच पर बैठ गईं। मंत्री उन्हें गाड़ी में लेकर हॉस्पिटल चले गए। हृदयरोग संस्थान में चिकित्सकों ने उनकी जांच कराई और दवाइयां दीं। इसके बाद वह लखनऊ वापस लौट गए।