जांजगीर-चांपा । किसानों का पर्व हरेली आज मनाया जा रहा है। इस दिन खेती किसानी में काम आने वाले हल व अन्य औजारों की पूजा की जाएगी, वहीं लोगों के बीच नारियल फेंक प्रतियोगिता भी होगी। बच्चे व युवा इस दिन गेड़ी का भी आनंद लेंगे। आज रोका छेका की भी शुरूवात की परंपरा है।
सावन माह की अमावस्या को प्रतिवर्ष हरेली त्यौहार मनाया जाता है। आज के दिन हल, फावड़ा व अन्य कृषि औजारों की पूजा की जाती है। त्यौहार को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है। सप्ताह भर पहले से ही जगह-जगह नारियल फेंक प्रतियोगिता शुरु हो गई है। किसानों के लिए हरियाली पर्व का विशेष महत्व होता है। किसान सुबह से कृषि यंत्रों को धोकर आंगन में चौक सजाकर उसे रखेंगे और परंपरागत ढंग से उसकी पूजा अर्चना कर गुड़ चीला , बोबरा व नारियल का भोग लगाएंगे। बच्चे व युवा बांस की गेड़ी भी चढ़ेंगे। त्यौहार को लेकर ग्रामीणों में उत्सुकता है। घरों में चीला, बोबरा सहित अन्य पकवान बनाए जाएंगे। दुकानों में गुड़, नारियल, तेल व अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री बढ़ गई है।
रोपाई का काम बाकी
हरेली त्यौहार हरियाली का प्रतीक माना जाता है। दशक भर पहले इस त्यौहार तक धान की बोआई व रोपाई का काम पूरा हो जाता था, इसके बाद किसान अपना हल व अन्य कृषि यंत्रों को धोकर घर में सुरक्षित रख देते थे, लेकिन बिगड़ते पर्यावरण के चलते ऋतु चक्र अनियमित हो गया है और वर्षाभी समय पर नहीं होती, जिसके चलते अभी धान बोआई का काम भी पूरा नहीं हो सका है।
नारियल पर लगाया जाएगा दांव
हरेली के दिन नारियल पर युवा दांव लगाएंगे। नारियल को दूर तक फेंकने, फोडऩे आदि पर हार-जीत की बाजी लगाई जाएगी। इसके अलावा भी युवा कई तरह की शर्त लगाकर एक-दूसरे को हराने की कोशिश करेंगे। मनोरंजक खेलों में ही दिन व्यतीत होगा। कुछ लोगों ने गांवों में रविवार कोभी नारियल पर दांव लगाकर हार-जीत का खेल खेला।