जांजगीर-चांपा। चांपा तहसील में पैसे लेनदेन की बात और बिना पैसे के काम करना आम बात हो गयी है। ठीक ऐसे ही एक मामला सामने आया है।जिसमे चांपा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोसमंदा का किसान रामफल कश्यप ने 1996 शत्रुहन यादव रामगोपाल यादव निवासी कोसमंदा से खसरा नम्बर 2148 रकबा 68 डिसमिल जमीन का क्रय किया था।जिसका ऋण पुस्तिका तहसीलदार द्वारा जारी किया गया हैं लेकिन कुछ साल बीत जाने के बाद शत्रुहन यादव के वरिसानो के द्वारा इस खसरा नम्बर 2148 में का आधा 34 डिसमिल जमीन को प्रहलाद राठौर के पास बेच दिया गया।बेचने के बाद किसान रामफल को पता चला कि उसका जमीन को शत्रुहन के वरिसानो के द्वारा बेच दिया गया हैं। तब रामफल ने तहसीलदार से गुहार लगाई की 28 साल पहले मैं जमीन इन लोगो से लिया था और मेरे बिना जानकारी के फर्जी दस्तावेज एवं दस्तावेज में कूटरचित कर रामगोपाल के वरिसानो द्वारा बेच दिया गया। रामफल कश्यप के द्वारा लगातार इस खसरा नम्बर में धान बिक्री किया जा रहा है। रामफल कश्यप ने आरोप लगाया हैं कि चाम्पा तहसील में पदस्थ बाबू बसंत कुमार राठौर के द्वारा दो माह पहले 10 हजार रुपये लिया गया हैं और आज तक किसी प्रकार का कोई काम नही किया गया हैं। जब किसान द्वारा तहसील में पदस्थ बाबू बसंत कुमार राठौर को बोला कि इस बात को कलेक्टर के पास शिकायत करूँगा तब बाबू के द्वारा पैसा को वापस करने का दबाव किसान के ऊपर बनाया जा रहा हैं। आपको बता दे कि चाम्पा तहसील आये दिन इस तरह के मामले में शुर्खिया बटोरते रहता हैं।