कोरबा। कुछ काम ऐसे होते हैं, जो चाहकर भी बंद नहीं हो पाते । कमाई की बेहद संभावनाओं के कारण उन्हें हर हाल में संचालित करना जरूरी समझा जा रहा है। कोरबा जिले के गेवरा दीपका कोलफील्डस में कुछ दिनों के लिए बंद हुआ डीजल चोरी का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। दावा किया जा रहा है कि पहले की तुलना में फिलहाल इसका अनुपात थोड़ा कम है, लेकिन पूरी सक्रियता के साथ इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। लगातार दबाव बढऩे के चक्कर में एक महीने पहले खदानों से डीजल चोरी का काम आखिरकार बंद करना पड़ा। कई स्तर पर गठजोड़ किये जाने की स्थिति में यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा था। तमाम तरह के जोखिम और चुनौतियों से निपटने की इच्छाशक्ति के साथ ऐसे काम किये जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि कई कारणों से समीकरण बिगड़ गए। मामले को सामान्य करने की कोशिश की गई लेकिन यह नाकाम रही। आखिरकार इस काम को बंद करना पड़ा। कहा जा रहा है कि बहुत ज्यादा निवेश नहीं करने पर भी अच्छे फायदे इसमें सुनिश्चित है। इसलिए अब गेवरा दीपका कोल फील्डस से डीजल की चोरी का काम प्रारंभ कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि नए सिरे से प्यादे फिट किये गए हैं, जिनके जरिये इस बेहद चुनौतीपूर्ण लेकिन लाभदायक काम को संपन्न किया जाना संभव हुआ है। आज की तारीख में खदानों से हजारों लीटर डीजल के प्रतिदिन पार किये जाने की खबरें मिल रही हैं। कंपनी अपने कामकाज के लिए हैवी मशीनरी में लोड करने वाले डीजल की काफी मात्रा चोर गिरोह के हवाले हो रही है। करोड़ों का व्यवसाय हर महीने करने वाली कंपनी को भले ही इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है, लेकिन बड़ी बात यह है कि डीजल चोर और उनके लिए काम करने वाले कारिदें अपने आर्थिक तंत्र को मजबूत करने में सफल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि हालिया दौर में यह काम इस इलाके में उत्तम पुरूष और उसकी बेहद संगठित कर रही है। मैदानी स्तर पर उन लोगों की सेवाएं अत्यंत आकर्षक दैनिक मजदूरी पर ली जा रही है, जो आसपास के इलाके से जुड़े हुए हंै और उन्हें पूरे खदान क्षेत्र के बारे में जानकारी है। ऐसे में धरपकड़ की संभावना होने पर ये लोग काफी जल्द मौके से भाग लेते हैं और स्थिति अपने अनुकूल होने पर सुरक्षा तंत्र से निपटने का दम भी रखते हैं। चिंता जता चुके है ट्रेड यूनियन कोयलांचल दीपका इलाके में चोरी चकारी से संबंधित गतिविधियों को लेकर साउथ इस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड में श्रमिक हितों पर कार्यशील कई ट्रेड यूनियन पिछले महीने में गंभीर चिंता जता चुकी है। उन्होंने इस बारे में सरकार के लोगों तक अपनी बात पहुंचायी है और बताया है कि इस तरह के माहौल में कर्मचारियों के मन में डर बना हुआ है। कई मौकों पर चोर गिरोह महिलाओं को आगे कर सुरक्षाबल और एसईसीएल कर्मियों को ब्लैकमेल करते रहे हैं कि उनके काम में बाधा उत्पन्न की गई तो गलत मामले में फंसा दिया जाएगा। इन कारणों से हर कोई चोरों से खुद को बचाने में लगा हुआ है।