कोरबा। वनमंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज में एक नवजात हाथी की मौत हो गई। चचिया के जंगल में उसे लोगों ने मृत देखा और इसकी सूचना विभाग को दी। नजदीक में कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं जिससे पता चलता है कि कुछ घंटे पहले ही उसका जन्म हुआ था। मौत को लेकर कारण स्पष्ट नहीं हुए हैं। वन विभाग ने पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सा विभाग को अवगत कराया है। कुदमुरा रेंज के अंतर्गत चचिया परिसर के कंपार्टमेंट संख्या 1137 में हाथी के शावक को आज सुबह मृत पाया गया। जिस हिस्से में वह मिला है वहां कीचड़ की मौजूदगी है। तस्वीर में साफ नजर आता है कि शावक की घुटने से नीचे का हिस्सा मिट्टी से सना हुआ है। इससे कयास लगाया जा रहा है कि झुंड से अलग होकर शावक पीछे रहने के साथ दलदल वाले इलाके में फंस गया होगा। काफी मशक्कत के बाद निकल नहीं पाने के कारण उसकी मौत हो गई होगी। स्थानीय लोगों के बताए मुताबिक 11 हाथियों का दल पसरखेत रेंज से 4 जुलाई को कुदमुरा रेंज के चचिया परिसर में पहुंचा था। दो दिन से उसे यहां घूमते हुए देखा जा रहा था। इसी दरम्यान मादा हाथी ने शावक को जन्म दिया और अगली सुबह उसे यहां मृत देखा गया। शावक को मृत देखे जाने की सूचना ग्रामीण ने मोबाइल के माध्यम से वन विभाग को दी, जिसके बाद डीएफओ अरविंद पीएम, उप मंडलाधिकारी आशीष खेलवार के नेतृत्व में विभाग की टीम यहां पहुंची। घटना स्थल पर कुछ ही दूरी पर मादा हाथी डटी हुई थी और चिंघाड़ लगा रही थी। जिसके कारण कार्यवाही में विलंब हुआ। पुष्टि की गई है कि वन और राजस्व क्षेत्र पी-1133 में उसे देखा गया है। तत्काल इस स्थान को सुरक्षित किया गया और आसपास के इलाके का निरीक्षण किया गया। यहां पर नवजात शिशु का प्लेसेंटा (प्रसव के दौरान निकलने वाला अवयव) पाया गया है जिससे पुष्टि होती है कि संभवत: रात्रि में ही उसका जन्म हुआ होगा। पशु चिकित्सकों को शव परीक्षण के लिए सूचित किया गया है। हाथी के शावक की मौत से जुड़े इस मामले को लेकर अन्य जानकारी विभाग जुटा रहा है। स्वाभाविक मौत का मामला चचिया क्षेत्र में हाथी के शावक की मौत हुई है। अब तक की जानकारी में यही माना गया है कि मामला स्वाभाविक मौत का ही है। इसमें किसी प्रकार की काम्प्लीकेशन रहे होंगे, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हो सकेगा। मौके पर स्थिति नियंत्रण में है। अरविंद पीएम, डीएफओ कोरबा