
भुवनेश्वर, १0 सितम्बर [एजेंसी]।
ओडिशा के कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर के गर्भगृह से 119 साल बाद कई टन रेत (बालू) निकाली जा रही है। रेत निकालने के साथ ही सूर्य मंदिर का आकार भी बदल जाएगा। इस कार्य को करने के लिए 3 साल का लक्ष्य रखा गया है। कार्य बेहतर ढंग हो इसके लिए बीते दिन सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना भी की गई।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक अरुण मल्लिक ने कहा कि पिछले दो वर्षों से विभिन्न विशेषज्ञों और इंजीनियरों के साथ विचार-विमर्श करते हुए मंदिर से रेत हटाई जा रही है। इसके लिए एक सुरक्षित प्रणाली तैयार की गई है ताकि लोग 13 वीं शताब्दी के मंदिर में प्रवेश कर सकें। उड़ीसा उच्च न्यायालय के निर्देश और केंद्रीय मंत्री के संसद को दिए गए आश्वासन के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इसके लिए एक प्रतिष्ठित निजी निर्माण कंपनी काम के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगी जबकि रेत हटाने के लिए एएसआई अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। एएसआई का लक्ष्य नवीनतम तकनीक का उपयोग करके वैज्ञानिक तरीके से तीन साल में रेत को हटाना है। रेत को हटाने का निर्णय 2020 में एएसआई द्वारा कोणार्क में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया था।