कोरबा। कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के कोरबा जिले में चार क्षेत्रों के अंतर्गत संचालित परियोजनाओं में ऐसे कर्मियों की संख्या सैकड़ों में है जिनकी नौकरी विवादों में बनी हुई है। इसके पीछे कई प्रकार के कारण बताये जाते हैं। खबर के अनुसार ऐसे मामलों में संबंधितों की कुंडली एक बार फिर खुलने को है। ऐसे में जांच के बाद बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। कोरबा के साथ कुसमुंडा, बांकीमोंगरा, दीपका व कटघोरा थाना क्षेत्र में इस तरह के मामलों को लेकर पूर्व के वर्षों में शिकायत हुई है। इसमें कहा गया था कि परियोजना के लिए जमीन किसी और की गई, जबकि नौकरी किसी और ने प्राप्त कर ली। इसके लिए राजस्व विभाग के कर्मियों की भूमिका पर सवाल खड़े हुए। जबकि कोयला कंपनी के लिए काम करने वाला निचला तंत्र भी जिम्मेदार ठहराया गया। यह सब काम इतनी बारिकी से हुआ कि वास्तविक प्रभावितों को काफी जतन के बाद भी जानकारी नहीं हो सकी। यहां वहां चक्कर काटने पर भी कोई परिणाम हासिल नहीं हुए। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत पीडि़तों ने अपनी जमीन के अर्जन और उसके परिप्रेक्ष्य में नौकरी दिए जाने संबंधित जानकारी प्राप्त की तो इ