
कोरबा। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के जोनल ऑफिस ने अवैध कोयला लेवी घोटाले में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सूर्यकांत तिवारी सहित कई आरोपियों की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 49.73 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें वाहन, नगदी, आभूषण और बेनामी भूमि शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में पहले ही कई महत्वपूर्ण संपत्तियों को जब्त किया है। ईडी ने आईएएस अधिकारी रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, जय प्रकाश मौर्य, राम गोपाल अग्रवाल, राम प्रताप सिंह, विनोद तिवारी, चंद्र देव प्रसाद राय और देवेंद्र सिंह यादव की कुल 55.37 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की हैं। इस मामले में राम गोपाल अग्रवाल फरार हैं, जिनकी ईडी सरगर्मी से तलाश कर रही है। हालांकि, राम प्रताप सिंह, विनोद तिवारी और चंद्र देव प्रसाद राय को कोर्ट से गिरफ्तारी में राहत मिली हुई है। अब तक, ईडी ने इस घोटाले में कुल 270 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं और 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके अलावा, ईडी ने 26 आरोपियों के खिलाफ विशेष कोर्ट में तीन अभियोजन शिकायतें दायर की हैं। जांच में पता चला है कि निजी व्यक्तियों का एक समूह, राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों के साथ मिलकर कोयला ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली में संलिप्त था। उन्होंने जुलाई 2020 और जून 2022 के बीच परिवहन किए गए कोयले के प्रति टन 25 रुपये अवैध रूप से वसूले। इस अवधि के दौरान, अपराध की कुल आय लगभग 540 करोड़ रुपये थी, जो छत्तीसगढ़ में कोयला ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली गई थी। अवैध धन का उपयोग सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने के लिए किया गया था, साथ ही कुछ हिस्सा चुनावों में भी खर्च किया गया था। छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला है, जिसमें राज्य में कोयले के परिवहन पर अवैध रूप से प्रति टन 25 रुपये की लेवी वसूली की गई। इस घोटाले में वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के एक ‘कार्टेल’ का संलिप्तता सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह खुलासा हुआ कि कोरबा जिले के कलेक्टर रहे रानू साहू ने इस अवैध लेवी के संग्रह में सुविधा प्रदान की और भारी रिश्वत प्राप्त की। इस घोटाले में कांग्रेस के दो विधायकों, देवेंद्र सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद राय के नाम भी सामने आए हैं। ईडी के अनुसार, यादव को खैरागढ़ उपचुनाव और अन्य खर्चों के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये मिले, जबकि राय को 46 लाख रुपये मिले।