कोरबा: कोरबा विधानसभा क्षेत्र में विधायक बदलने की तासिर नहीं रही हैं. इसे प्रत्याशी की लोकप्रियता कह सकते हैं या फिर कांग्रेस के प्रति मतदाताओं का गहरा लगाव।
कोरबा विधानसभा सीट अस्तित्व में आने के बाद 2023 में यहां होने वाला यह चौथा विधानसभा चुनाव होगा.पिछले तीन चुनाव में लगातार कांग्रेस ने चुनाव जीता.विधायक व प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जीत की हैट्रिक लगाई. तीनो चुनाव में भाजपा ने अपने हिसाब से सशक्त प्रत्याशी मैदान में उतारा और जीत के दावे भी करती रही. किन्तु क्षेत्र के मतदाताओं ने जब अपने मताधिकार का प्रयोग किया और परिणाम सामने आया तो भाजपा के दावों की पोल खुल गई. लगातार शहरी विधानसभा सीट कोरबा से कांग्रेस नेता जयसिंह अग्रवाल का चुनाव जीतना यह दर्शाता हैं कि कहीं न कहीं अधिकांश मतदाताओं के दिलों दिमाग में यह बात बैठ गई हैं कि हमारे सुख दुख के समय जयसिंह सदैव साथ रहते हैं.
ऐसा भी नहीं हैं कि कांग्रेस में सबकुछ हर वक्त ठीक ही चलता रहा हैं भाजपा की तरह गुटबाजी यहां भी हैं. भाजपा की गुटबाजी हमेंशा भाजपा प्रत्याशी को भारी पड़ी हैं.विधानसभा चुनाव 2008,2013 और 2018 में सबने देखा कि भाजपा संगठन और प्रत्यशियों के मध्य तालमेल का भारी अभाव था और आज भी पिछले तीन चुनाव जैसी ही स्थिति बन रही हैं. इसका फायदा कांग्रेस सदैव उठाने में आगे रही.
इस बार तीन बार के विजेता व कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह अग्रवाल के सामने कटघोरा विधानसभा का चुनाव हारे लखनलाल देवांगन भाजपा प्रत्याशी हैं.देवांगन कोरबा निगम के महापौर भी रह चुके हैं।कांग्रेस और भाजपा के दोनों प्रत्यशियों के कार्य करने के तरीकों से जनता भलीभांति परिचित हैं. इसलिए जनता जरूर तुलनात्मक अध्ययन भी करेगी कि कौन सा नेता हमारे बीच रह कर जनता से जुडी समस्याओं का समाधान कराता रहा. औऱ जनता की बात सुन कर त्वरित एक्शन लेने में कौंन आगे हैं.
कोरबा सीट की गिनती प्रदेश की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट के रूप में होती हैं.कांग्रेस, भाजपा औऱ आम आदमी पार्टी के प्रत्यशियों की विधिवत धोषणा हो चुकी हैं ये सभी धुंआधार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. कुछ अन्य पार्टी के प्रत्याशी और निर्दलीयों के मैदान में उतरने की पूरी संभावना हैं.