जांजगीर-चांपा। ब्लाक के नवागांव रेत घाट संचालकों की इन दिनों चांदी हो गई है। दरअसल, यहां से हर रोज रेत माफिया 200 ट्रिप रेत निकाल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इनकी भनक खनिज अफसरों को नहीं है। खनिज अफसर जानकर भी अनजान बने हुए है। इसकी शिकायत होने के बाद भी खनिज अफसरों को दफ्तर से बाहर निकलने की फुर्सत नहीं है। जिसका फायदा रेत माफियाभरपूर उठा रहे हैं। जिले में रेत उत्खनन पर पूरीतरह से बेन लगा हुआ है। इसके बाद भी जिले के दर्जनों रेत घाट आबाद है। इधर, खनिज अफसर तीज त्योहार मनाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बलौदा ब्लाक के नवागांव में रेत माफिया बेहद सक्रिय हैं। यहां से हर रोज 200 ट्रिप रेत निकाली जा रही है। हसदेव नदी रेत माफियाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। बताया जा रहा है कि इस खेल में ग्राम पंचायत की भूमिका संदिग्ध है। ग्राम पंचायत के पदाधिकारी चाहते तो इसकी लिखित शिकायत कर खनिज अफसरों को आगाह कर सकते थे, लेकिन सूत्रों की माने तो रेत माफिया ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को साथ लेकर चल रही है।
यही वजह है कि इसे क्षेत्र के रेत माफियाओं पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है।
खनिज अफसरों की माने तो वे केवल अवैध परिवहन पर कार्रवाई करते हैं। उन्हें आखिर रेत कहां से निकाली जा रही है उस पर ध्यान नहीं जाता। सडक़ों में खड़े हो जाते हैं और मौके से गुजरने वाले वाहनों पर ही कार्रवाई की जाती है। जबकि अवैध रेत घाटों में छापेमारी की जानी चाहिए। सूत्रों की माने तो रेत माफियाओं का खनिज अफसरों से चोली दामन का साथ रहता है। रेत माफियाओं के सूत्र खनिज अफसरों के वाहन चालकों से फोन लगाकर अफसरों का लोकेशन बता देते हैं। फिर माफिया सतर्क हो जाते हैं।