
मुंबई, १० मार्च ।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को गंगा नदी की स्वच्छता पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि देश की कोई भी नदी साफ नहीं है। ठाकरे अपने पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। रूहृस् के प्रमुख ने कहा कि उनके पार्टी नेता, बाला नंदगांवकर ने महाकुम्भ से पवित्र जल लाया था, लेकिन उन्होंने इसे पीने से मना कर दिया।
एमएनएस चीफ ने कहा, बाला नांदगांवकर कह रहे थे- ये गंगाजल पी लो। मैंने कहा मैं नहाने वाला नहीं हूं। और गंगाजल क्यों पीना चाहिए। वह पानी कौन पीएगा। अभी अभी कोविड गया है। दो साल मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे थे। अब वहां जाकर स्नान कर रहे है। कौन उस गंगा में जाकर कूदेगा। श्रद्धा का भी कुछ अर्थ होना चाहिए। मनसे प्रमुख ने सवाल किया कि यदि लाखों लोग गोदावरी नदी (महाराष्ट्र और कुछ राज्यों की प्रमुख नदी) में पवित्र डुबकी लगाएंगे तो क्या कोई उसका पानी पीएगा। राज ठाकरे ने कहा, मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के बारे में कई वीडियो देखे हैं। मैंने कुछ लोगों को नदी में अपने शरीर को खरोंचते और धोते हुए देखा। उन्होंने दावा किया कि भारत की कोई भी नदी साफ नहीं है। राज ठाकरे ने कहा, मैं राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के समय से गंगा जल्द साफ होग के दावे सुन रहा हूं। अब इस मिथक से बाहर आने का समय है। मनसे प्रमुख की इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री एवं भाजपा नेता गिरीश महाजन ने कहा कि राज ठाकरे को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन वे उन लाखों लोगों की इच्छाओं की अनदेखी नहीं कर सकते जो नदी में डुबकी लगाना चाहते हैं।
नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए महाजन ने कहा, यह सच है कि गोदावरी नदी का पानी वर्तमान में प्रदूषित है क्योंकि कारखानों का अनुपचारित पानी इसमें गिरता है। हम 1200 एमएलडी (प्रति दिन मिलियन लीटर) की क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर रहे हैं। महाकुंभ पर राज ठाकरे की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाजन ने कहा कि इस विशाल समागम का आयोजन शास्त्रों पर आधारित है और वैज्ञानिक भी है। उन्होंने कहा कि यह लाखों लोगों की आस्था है, जो पानी की गुणवत्ता में कुछ बदलाव ला सकती है।