कोरबा। कोरबा विधायक बनने के बाद जयसिंह अग्रवाल ने क्षेत्र की जनता को अपना परिवार मानते हुए बीच बीच में उनकी समस्या जानने और उनसे मुलाकात करने कभी भी निकल पड़ते हैं। आज कोरबा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एसईसीएल कॉलोनियों का राजस्व मंत्री एवं कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ एसईसीएल एवं निगम के अधिकारियों को साथ में लेकर दौरा किया और जमीनी हकीकत देखकर काफी भड़के नजऱ आये। सबसे पहले उन्होने एसईसीएल मुड़ापार मुख्य चिकित्सालय पहुंचे, जहॉ पर सीएमओ सहित अन्य चिकित्सकों ने उनका स्वागत् किया और फिर चिकित्सकों ने उन्हे 50 बिस्तरों वाला नेहरू शताब्दी चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों, आईसीयू, मेडिकल स्टोर, वेटिंग हॉल एवं अन्य कक्षों का निरीक्षण कराया और यहॉ भर्ती मरीजों से भी मुलाकात की। आवश्यक संसाधनों की भी जानकारी चिकित्सकों से ली। परिसर में जब पहुंचे तो वहॉ गंदगी देखकर भड़क गये और जीएम सिविल श्री तिवारी को जमकर फटकार लगाई और गंदगी साफ कर वहॉ पौध रोपण एवं गार्डन बनाने के निर्देश दिये।इसके बाद श्री अग्रवाल सदलबल वार्ड क्र. 25 एवं 27 की आंतरिक सड़कों एवं कालोनी के कई घरों में जाकर निरीक्षण किया। कई घरों के अंदर जाकर देखा तो उन्हें लगा कि किस तरह एसईसीएल कर्मी दहशत में जी रहे हैं। जगह जगह से दीवारें दरक रही हैं, प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, कमरों में सीपेज से सीलन की बदबू आ रही थी। यहॉ उपस्थित जीएम सिविल को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि जो घर रहने लायक नही हैं, उन्हे डिस्मेंटल करायें, नई कालोनी के लिए प्रस्ताव भेंजे। उन्होने एसईसीएल कर्मियों को पर्याप्त सुविधा मुहैय्या कराने के निर्देश दिये। वे जैसे ही कालोनियों में पहुंचते थे, सैकड़ों की संख्या में रहवासी मंत्री के पास पहुंचते और अपना दुखड़ा रोते। कॉलोनी वासियों ने बताया कि न तो पर्याप्त मात्रा में पानी आता है और बिजली का तो कोई मां बाप ही नही। निरीक्षण के दौरान बजबजाती नालियां और सड़कों के किनारे पड़ी गंदगियों से रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है। श्री अग्रवाल ने अधिकारियों को तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिये। आंतरिक सड़कों के अलावा अमरैय्या पारा मोड़ से जीएम ऑफिस तक मुख्य मार्ग की स्थिति बहुत ही जर्जर है।राजस्व मंत्री वार्ड क्र. 25 एवं 27 स्थित एसईसीएल कालोनी पहुंचे तो यहॉ के रहवासियों ने बताया कि यहॉ समस्याओं का अम्बार है और निराकरण कुछ भी नही। यहॉ तक कि एसईसीएल ने लोगों के लिए लाखों की लागत से वॉटर एटीएम बनाया है और निर्माण हुए चार साल हो गये लेकिन लोगों के लिए अब तक खोला नही गया। राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई तब शटर खोलकर कहा कि जल्द ही प्रारंभ करेंगे।जब राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल एसईसीएल के विद्युत उपकेन्द्र का निरीक्षण किया तो देखा कि किस तरह उपकेन्द्र की बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है और कभी भी धसक सकती है। यहॉ उपस्थित दो अधिकारियों ने बताया कि यहॉ ट्रांसफार्मर खराब होने पर सुधारने में ही दो दिन लग जाते हैं और स्टॉक में एक भी ट्रांसफार्मर एवं अन्य पार्ट्स नही होते हैं। यह जानकारी सुनकर श्री अग्रवाल दंग रह गये कि किस तरह एसईसीएल अपने कर्मचारियों को ही प्रताडि़त कर रहा है। यहॉ अधिकारियों ने बताया कि मानिकपुर बाजार कॉलोनी क्षेत्र में सीएसईबी के द्वारा 02 ट्रांसफार्मर लगाया गया है किंतु अभी तक चार्ज नहीं किया गया है।एसबीएस कालोनी में शिक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहींजब श्री अग्रवाल एसबीएस कालोनी पहुंचे तो वहॉ प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय भवन की खस्ता हाल देखकर एसईसीएल एवं निगम अधिकारियों को फटकार लगाई। यहॉ के रहवासियों ने बताया कि यहॉ पर हायर सेकेण्डरी कक्षा की कोई व्यवस्था नही है और बच्चे पढऩे एनसीडीसी स्कूल जाते हैं।सुभाष ब्लॉक कालोनी के पीछे एसईसीएल का एसएलआरएम सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे राजस्व मंत्री को वहॉ दोपहर 12:00 बजे गेट में ताला लटकता मिला। वहॉ कोई प्रभारी कर्मचारी या अधिकारी भी नहीं मिले। उन्होने जीएम सिविल को वस्तुस्थिति दिखाते हुए अधिकारियों की सक्रियता और कर्तव्य निष्ठा पर सवाल उठाया। कचरे का ढेर लगा था लेकिन कोई कर्मचारी नहीं थे।एसईसीएल सीएसआर मद से हर वर्ष करोड़ों खर्च करने का दावा करता है, लेकिन एसईसीएल के घरों को देखकर नही लगता कि हर वर्ष एसईसीएल इनकी मरम्मत कराता है। न तो घरों में ठीक से पाईप लाईन है और न ही बिजली का तार सही ढंग से है। आखिर हर वर्ष मरम्मत के लिए प्रबंधन द्वारा करोड़ों खर्च करने का दावा किया जाता है तो घरों की ऐसी दुर्दशा कैसी? 40-50 साल पूर्व बने जर्जर घरों में रहने एसईसीएल कर्मी मजबूर हैं। सिविल विभाग के अधिकारी शिकायतों को अनसुना कर देते हैं, ऐसी जानकारी दर्जनों कर्मियों ने राजस्व मंत्री को दी।