यरूशलम, ३० दिसम्बर ।
इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि गाजा में बंधक बनाकर रखे गए लोगों का बड़े पैमाने पर शारीरिक और यौन उत्पीडऩ किया गया। इनमें बच्चे भी शामिल थे। यह रिपोर्ट उन डाक्टरों के निष्कर्षों पर आधारित है, जिन्होंने पिछले साल युद्धविराम के दौरान रिहा किए गए 100 से अधिक बंधकों में से कुछ का इलाज किया था। इसमें कहा गया है कि बंदियों को गंभीर शारीरिक और यौन शोषण का शिकार होना पड़ा। बंदियों पर की गई क्रूरता में पिटाई, अलगाव, भोजन और पानी से वंचित करना, बाल खींचना और यौन उत्पीडऩ शामिल था। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र को भेजी जानी है। यह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर हमास के साथ युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर सहमत होने का दबाव बढ़ा सकता है। बंधकों के परिवारों और उनके समर्थकों ने महीनों तक प्रदर्शन किया है। इस बीच, रविवार को गाजा में एक अस्पताल पर इजरायली हमले में सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सेना ने कहा कि उसने हमास नियंत्रण केंद्र पर हमला बोला था। यह इमारत अब अस्पताल के रूप में कार्य नहीं कर रहा। सेना ने शुक्रवार को उत्तरी गाजा के जिस अस्पताल पर छापा मारा था, वहां से 240 से अधिक फलस्तीनियों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें इसके निदेशक भी शामिल थे। वहीं, उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन में 22 वर्षीय पत्रकारिता की छात्रा की हत्या कर दी गई।
शाथा अल-सब्बाग के परिवार का आरोप है कि फलस्तीनी सुरक्षा बलों के स्नाइपर ने उसे मार डाला। इजरायली सेना ने गाजा के बेइत हनौन इलाके में मौजूद सभी निवासियों को रविवार को शहर छोडऩे का आदेश दिया है। सेना का कहना है कि नागरिकों को घर खाली करने का आदेश उन्हें किसी भी नुकसान से बचाने के लिए दिया गया है। जार्डन ने रविवार को अल अक्सा मस्जिद, हरम अल-शरीफ में घुसपैठ की निंदा की है। साथ ही पुलिस संरक्षण में हुए उल्लंघनों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया।
विदेश और प्रवासी मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता सुफियान अल-कुदाह ने पवित्र स्थलों में ऐतिहासिक और कानूनी यथास्थिति के उल्लंघन को लेकर अपनी पूर्ण अस्वीकृति को दोहराया और इन घटनाओं को रोकने का आह्वान किया।