जांजगीर। चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण से पूरे देश में खुशी का माहौल है। इस अभियान के सफल लैंडिंग के बाद हम चंद्रमा पर पहुंचने वाले चौथे देश के रूप में जाने जाएंगे। इस ऐतिहासिक पल का सभी को इंतजार है। देश के इस गौरवपूर्ण पल में देश के वैज्ञानिकों की कठिन मेहनत व लगन है, इस अभियान से न केवल हमारा प्रदेश जुड़ा है, बल्कि हमारे जिले के एक वैज्ञानिक की भी भूमिका इस महत्वपूर्ण अभियान में है, इसलिए देश के साथ हमारे जिले के लिए भी गौरवान्वित करने वाला पल है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लांच पैड-2 से शुक्रवार की दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 ने उड़ान भरी और 17वें मिनट में ही चंद्रयान-3 रॉकेट से अलग होकर करीब 180 किमी की ऊंचाई पर निर्धारित कक्षा में पहुंच गया। इस महत्वपूर्ण अभियान में चार-पांच हजार से अधिक वैज्ञानिक व अन्य लोगों की भूमिका होती है, उनमें जांजगीर-चांपा जिले के छोटे से गांव बनारी के बिसाहू लाल अग्रवाल के पुत्र मनोज अग्रवाल भी शामिल हैं। मनोज की प्रारंभिक शिक्षा बनारी के ही सरकारी स्कूल में हुई और आगे की पढ़ाई उन्होंने जांजगीर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल नंबर से की। मनोज अग्रवाल की शिक्षा हिन्दी माध्यम से हुई है। 12वीं तक पढ़ाई के बाद उन्होंने रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीई किया, इसी दौरान उन्होंने आईआईटी में प्रवेश के लिए परीक्षा दिया और प्रवेश परीक्षा पास करके आगे की पढ़ाई आईआईटी से की। के दौरान ही उनका इसरो में कैंपस सिलेक्शन हो गया। उनके अलावा प्रदेश के अन्य जिले बिलासपुर, कोरबा, रायपुर सहित अन्य जिलों के भी वैज्ञानिक इसरो में काम कर रहे हैं।
साल में एक बार ही आना होता है शहर जांजगीर में रहने वाले उनके भाई ने बताया कि व्यस्तता के कारण उनका आना कम होता है, लेकिन साल में एक बार छुट्टी लेकर वे जांजगीर आते हैं, इस दौरान वे बहुत ही साधारण रहते हैं।