देहरादून, ०६ जुलाई [एजेंसी]। सहसपुर क्षेत्र की एक किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपित को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की साजा सुनाई। स्पेशल जज पोक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने दोषी पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। दोषी ने किशोरी के साथ निकाह किया, जिससे एक बेटा भी पैदा हुआ। शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के अनुसार, 22 नवंबर 2018 को सहसपुर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने सहसपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी 17 वर्षीय बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ती है। सुबह घर से स्कूल के लिए निकली और शाम को वापस नहीं लौटी। स्वजन ने जब अपने स्तर से पड़ताल की तो उन्हें पता चला कि आशिक उर्फ चांद मोहम्मद निवासी सहसपुर उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है।जिस पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की। करीब 11 माह बाद पुलिस ने चांद मोहम्मद को पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया। पीडि़ता को भी उसके कब्जे से बरामद कर लिया। मेडिकल कराने पर पीडि़ता आठ माह की गर्भवती निकली। इसके बाद कोर्ट में पीडि़ता के बयान कराए गए, जिसमें उसने बताया कि वह चांद मोहम्मद से प्रेम करती है और उसके पिता उसकी कहीं और शादी कराना चाहते थे। वह अपनी मर्जी से चांद मोहम्मद के साथ गई थी। बताया कि उन्होंने भागने से पहले ही निकाह कर लिया था। उसकी जन्मतिथि 20 जून 2001 है, जिसके अनुसार वह तब बालिग हो गई थी। उनका आठ नवंबर 2019 को एक पुत्र भी हुआ। न्यायालय में जब ट्रायल शुरू हुआ तो पीडि़ता के पिता ही अपने बयानों से मुकर गए। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में यह सिद्ध कर दिया कि नाबालिग रहते ही चांद मोहम्मद ने पीडि़ता से दुष्कर्म किया था।अभियोजन ने कोर्ट को बताया कि जिस वक्त पीडि़ता का अपहरण हुआ उस वक्त वह 17 साल पांच माह की थी।