अयोध्या, १० जुलाई [एजेंसी]। । श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गई है। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद रामलला को गर्भगृह में विराजमान कर दिया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर के गर्भगृह में रामलला अपने चारो भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजमान होंगे। मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है, जिसका आकार 800 गुणा 800 मीटर है। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है। श्रीराम जन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्य की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी इसकी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर फर्श, लाइट और कुछ नक्काशी होना बाकी है। ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है। भगवान की मूर्ति का काम तय समय से पूरा कर लिया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर फर्श, लाइट और कुछ नक्काशी होना बाकी है। ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है। भगवान की मूर्ति का काम तय समय से पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर निर्माण की गतिविधियों से अवगत कराने के लिए पत्रकारों को बुलाया गया जिसमें बताया गया कि 162 खंभों पर राम मंदिर का भूतल तैयार किया गया है, जिसमें मंदिर के गर्भगृह कोली मंडप, गूढ़ मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप व उत्तर और दक्षिण दिशा में कीर्तन मंडप के साथ गर्भगृह की परिक्रमा पथ को बनाया गया है। वहीं अष्टकोणीय बने गर्भगृह की भव्यता सफेद मकराना मार्बल से की गई है। जहां पर रामलला विराजमान होंगे और आने वाले श्रद्धालु 30 फीट की दूरी से दर्शन प्राप्त करेंगे। भूतल में बने मंडप को लेकर लगाए गए पीलर उनके गरिमा के अनुरूप होंगे। आर्किटेक्ट इंजीनियर चंद्रशेखर सोनपुरा ने बताया कि इन खंभों पर कला कृतियां उकेरी जा रही हैं। राम मंदिर ट्रस्ट के सहयोगी इंजीनियर गोपाल जी राव ने बताया कि खंभों पर उकेरी जा रही मूर्तियों के लिए केरल के कारीगरों को बुलाया गया है। वर्तमान में 40 कारीगर कर कार्य कर रहे हैं। जल्द ही इनकी संख्या 150 होगी। जिससे इस कार्य को समय पर पूरा किया जा सके। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर में पांच मंडप हैं। मंडप राम मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा। मुख्य मंडप से भगवान की पताका फहराएंगे। ग्राउंड फ्लोर का ढांचा बनकर तैयार है। मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत बन चुकी है। फर्श और बाहर का काम बाकी है। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में 166 खंभों पर मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह में लगे 6 खंभे सफेद संगमरमर के हैं, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंडस्टोन से बनाए गए हैं।गर्भगृह सहित ग्रांउड फ्लोर का ढांचा और छत तैयार है। आंतरिक सज्जा का काम चल रहा है। मंदिर के फर्स्ट फ्लोर का भी काम शुरू कर दिया गया है। कामेश्वर ने बताया, साल 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के दिन भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। राम जन्म के समय ठीक दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी। इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन बहुत ही दिव्य और भव्य होगा। खगोल शास्त्र के लोग इसे लेकर काम कर रहे हैं। 00