बलरामपुर। रामानुजगंज लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व के तीसरे दिन अस्चलगामी सूर्य को अर्घ देने के लिए नदी में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं के उमड़े जन सैलाब के मध्य नजर राम मंदिर घाट में नवयुवक दुर्गा पूजा संघ वही शिव मंदिर घाट में स्थानीय छठ पूजन समिति के द्वारा व्यापक स्तर में व्यवस्था की गई थी। नगर पंचायत रमन अग्रवाल स्वयं खड़े होकर व्रतियों के कन्हर नदी में आने के पूर्व उनके आने वाले रास्ते की साफ सफाई एवं पानी से पूरे रास्ते को धुलवाया गया। कृषि मंत्री राम विचार नेताम एवं सांसद चिंतामणि महाराज भी छठ पूजा में सम्मिलित हुए।
नगर में विगत कई दशकों से छठ पर्व की अद्भुत छटा देखने को मिलती है छठ पर्व यहां विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। जिसके लिए 15 दिन पूर्व से व्यापक स्तर में तैयारियां प्रारंभ हो जाती है। कन्हर नदी में इस बार प्राकृतिक रूप से छठ घाट का निर्माण हो गया था नगर पंचायत के द्वारा साफ सफाई एवं रेत को समतल कर ठीक कराया गया। श्रद्धालुओं के उमड़ी भीड़ के मध्य नजर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जगह-जगह तैनात रहा।
सजावट एवं 7 घोड़े पर सवार सूर्य भगवान की मूर्ति रही आकर्षण का केंद्र
राम मंदिर घाट में नवयुवक दुर्गा पूजा संघ के अध्यक्ष आलोक गुप्ता एवं अमित जायसवाल सहित समिति के अन्य लोगों के द्वारा रेस्ट हाउस रोड से राम मंदिर घाट वह कन्हर नदी में विशेष साज सज्जा कराई गई थी जो आकर्षण का केंद्र रहा वही शिव मंदिर घाट में भी स्थानीय समिति के द्वारा विशेष साथ साज सज्जा कराई गई थी दोनों घाटों में सात घोड़े पर सवार सूर्य भगवान की मूर्ति लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।
नदी के एक ओर झारखंड तो दूसरे और छत्तीसगढ़ के व्रतियों ने किया व्रत
उत्तर वाहिनी गंगा के समान माने जाने वाली कन्हर नदी के एक ओर छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु तो दूसरी ओर झारखंड के श्रद्धालु व्रत किये। दोनों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।
सांसद चिंतामणि एवं मंत्री नेताम पहुंचे छठ घाट टेका मत्था
छत्तीसगढ़ के सरहद पर मनने वाले छठ पर्व में सम्मिलित होने कृषि मंत्री राम विचार नेताम उनकी पत्नी पुष्पा नेताम सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज सहित अन्य जनप्रतिनिधि छठ घाट पहुंचे एवं मत्था टेका।
हजारों लोगों ने किया व्रत
पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष व्रत करने वालों की संख्या काफी अधिक दिखी। महिलाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुरुषों के द्वारा भी व्रत किया गया था। श्रद्धालुओं का जन सैलाब देखते बन रहा था।