नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट लिंगदोह समिति की उस सिफारिश को चुनौती देने वाली याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें कहा गया कि कोई भी उम्मीदवार किसी छात्र संघ के पदाधिकारी पद के लिए एक से अधिक बार चुनाव नहीं लड़ सकता है। याचिका बुधवार को न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। पीठ ने 10 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादी के वकील ने जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है और अगर आवश्यक हो तो उन्हें चार सप्ताह का समय दिया जाता है। मामले में सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
लिंगदोह समिति की सिफारिश के खिलाफ याचिका
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में आयोजित छात्र निकायों और छात्र संघ चुनावों से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) जेएम लिंगदोह के तहत एक समिति का गठन किया था। समिति ने 26 मई, 2006 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। शीर्ष अदालत लिंगदोह समिति की सिफारिश के खिलाफ पीठ उत्तराखंड निवासी नवीन प्रकाश नौटियाल और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है।