
लखनपुर। शासकीय राशि का दुरुपयोग देखना है तो आप लखनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत माजा चले आइए। यहां कृषि विभाग ने छोटे झाड़ मद की जमीम पर कुआनुमा नुमा तालाब बनाकर 40 लाख रुपये खर्च कर दिए। इसमें न तो पानी भरा और न ही यह टिकाऊ है। बारिश के बाद सारी मिट्टी फिर से इसी में प्रवेश कर रही है। सिंचाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है। विभागीय अधिकारी शिकायतों को सुनना तक पसंद नहीं करते है।अब ग्रामीण इस मामले को लेकर लामबंद हो गए हैं। निर्माण की जांच तथा जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग शुरू हो गई है।
लखनपुर के माजा में कृषि विभाग द्वारा छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि के खसरा नम्बर 74/108 में लघु सिंचाई योजना के तहत कुआंनुमा तालाब का निर्माण करा दिया है। ग्रामीणों का कहना है। गांव के ही एक व्यक्ति से मिलीभगत कर कृषि विभाग के द्वारा कब्जे और पट्टे की भूमि स्वामियों के बिना सहमति के निर्माण कार्य कर दिया गया।पहली बारिश में खतरनाक हो चुका कुआंनुमा तालाब के मेड में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं तालाब में अत्यधिक पानी भरने पर मेड बहने की आशंका जताई जा रही है । तालाब निर्माण कार्य में गांव के रोजगार गारंटी कार्डधारियों को कार्य ना देकर विभाग के अधिकारियों के द्वारा गांव के ही नाबालिग बालिकाओं से काम लिया गया है। निर्माण कार्य के दौरान अवैध तरीके से पत्थरों का उत्खनन कर बिक्री किया गया है। ग्रामीणों ने जिले के आला अधिकारियों से सूक्ष्म जांच करते हुए विभाग के अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।कृषि विभाग द्वारा छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन पर निर्माण नहीं कराया जा सकता लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर निर्माण करा दिया गया। कलेक्टर से मद को परिवर्तन करा कर ही निर्माण कार्य कराया जा सकता है परंतु नियम कानून को ताक पर रखकर उप संचालक कृषि विभाग के सर्वेयर तथा उच्च अधिकारी की मिलीभगत से लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। आरोप है कि सर्वेयर, कृषि विकास अधिकारी तथा सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी के मिलीभगत से यह गड़बड़ी की गई है।ग्रामीणों के विरोध के बाद भी विभाग के सर्वेयर के द्वारा मनमाना तरीके से निर्माण कराया गया है।इससे कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।ऐसा हुआ तो विभागीय अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ सकता है।कार्यस्थल पर सूचना पटल तक नहीं लगाया गया है।वर्ष 2011-12 में भी कृषि विभाग में ऐसा ही भ्रष्टाचार किया जा चुका है।उस दौरान के सर्वेयर जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं उनके पुत्र की देखरेख में ही यह निर्माण कराया गया है।
छोटे झाड़ मद की जमीन पर 40 लाख रुपये खर्च कर दिए जाने के मामले में उप संचालक कृषि पीएस दीवान से संपर्क किया गया। हर बार की तरह उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में व्यस्त हूं। ग्रामीणों की शिकायत को लगातार वे अनसुना कर रहे हैं। छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि पर निर्माण के लिए ग्रामसभा से प्रस्ताव लिया गया है। आसपास के कब्जाधारियों द्वारा जमीन नहीं दिए जाने के कारण चौड़ाई कम कर गहराई अधिक की गई है।