जांजगीर चांपा। बलौदा थाना क्षेत्र के छाता जंगल दो तरह से बदनाम है। एक तो जुआरियों का अड्डा है तो वहीं जंगली सूअर का शिकार करने इस क्षेत्र के लोग बेहद सक्रिय होते हैं। कुछ इसी तरह की घटना में दिवाली के दिन की सुबह एक युवक की छाता जंगल में शव मिला। इस मामले में आशंका व्यक्त की जा रही है कि जंगली सूअर का शिकार करने तकरीबन 10 लोग करंट का जाल बिछाए थे। दुखद यह है कि करंट की चपेट में जंगली सूअर नहीं आया बल्कि जाल बिछाने वाला ही खुद चपेट में आ गया।
इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मामला हाईप्रोफाइल हो चुका है। क्योंकि जंगल में जिन लोगों ने करंट का जाल बिछाया था वहां करंट के सारे सबूत मिटा दिए गए थे। केवल परिजनों ने गुम इंशान की सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया था और पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया था। इधर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने से सारे तथ्य स्पष्ट होंगे। बलौदा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि 31 अक्टूबर की सुबह छुई गंडई छाता जंगल झोरकी में बेलटुकरी निवासी अशोक चौहान पिता विष्णु प्रसाद 37 का जंगल में शव पड़ा है। शव में चीटियों का झुंड था। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल चार दिन बाद भी पुलिस को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। जिससे जांच अटकी हुई है।
हर साल शिकार का मामला आता है सामने
बलौदा के छाता जंगल में ग्राम पंचायत बेलटुकरी से लगा हुआ है। बेलटुकरी सहित आसपास के गांव के लोग बड़ी संख्या में जंगली सूअर का शिकार करते हैं। क्योंकि इस क्षेत्र में बड़ी तादात में जंगली सूअर है। जिसके मांस की कीमत 800 रुपए किलो से लेकर 1 हजार रुपए तक होती है। शिकार करने वालों को मुफ्त में सूअर मिल जाता है। जिसका शिकार कर मांस को मंहगे दामों में बिक्री करते हैं।