कोरिया। राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्टर कोरिया की बड़ी कार्रवाई जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के समीप चेर की जमीन मामले में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कोरिया, बैकुण्ठपुर (छ0ग0) से प्राप्त निर्देश के परिपालन में मो0 शब्बीर पटवारी हल्का नं0 10 तहसील बैकुण्ठपुर जिला कोरिया (छ0ग0) के विरुद्ध शिकायती पत्र समाचार एवं जनचौपाल आवेदन अनुसार प्रश्नागत भूमि नं0 255 / 2 वर्तमान रकबा 0.6070 है0 भूमि ग्राम चेर तहसील बैकुण्ठपुर के खसरे में पूर्व में अहस्तातरणीय शब्द प्रदर्शित था जो खरीदी बिकी में पंजीयन योग्य नही थी. रजिस्ट्री में प्रयुक्त बी-1 एवं खसरा में अहस्तातरणीय शब्द को हटा दिया गया। वर्ष 1946-47 अभिलेख अनुसार उक्त भूमि तत्समय कन0 255 छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद की थी, जिसमें से रकबा 0.405 हे0 भूमि सिंहदेव योजनान्तर्गत वर्ष 1971-72 में बाघराय धरकार को शासकीय पट्टे में प्रदाय किया गया, जो कि बाघराय के मृत्यु उपरांत उसके उत्तराधिकारी हरिराम व कृष्णा नायक के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज हुआ । उक्त विवादित भूमि ख0नं0 255 / 2 रकबा बढ़ाकर 0.607 हे0 भूमि का नक्शा 259 के सामने दर्शाया गया है। चौहद्दी बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ था तो उक्त आवेदन पत्र के अनुरूप चौहद्दी नक्शा में बैंक से लोन हेतु उल्लेख होना चाहिए था, जो नहीं है। पूर्व में अवकाश पर गये पटवारी के अवकाश तिथि के समाप्ति 26 नवम्बर के बाद 29.11.2022 को पूर्व के पटवारी वाल्मिक मिश्रा के नाम पर भुईया पोर्टल में आई.डी. पुन: जनरेट किया गया। 29.11.2022 को आई.डी. में जनरेट किया जाना संदेहास्पद है अर्थात विलंब से आई.डी. जनरेट किया गया। पटवारी द्वारा दुरभिसंधि कर शासकीय भूमि को निजी भूमिस्वामी हक में परिवर्तित कर दिया गया और निजी पक्ष को लाभ पहुँचाने के प्रयोजनार्थ एवं शासकीय अभिलेख संरक्षक होते हुए भी शासन के पक्ष में संरक्षण करने के बजाय शासन को ही हानि पहुँचाई गई है। पटवारी द्वारा पदीय दायित्व का निर्वहन नही किया गया एवं सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3(1) से 3 तक का घोर उल्लंघन किये जाने के कारण कदाचरण की श्रेणी में आता है। अतएव उपरोक्तानुसार शिकायती जाँच प्रतिवेदन, जो प्रथम दृष्टियों सही पाये जाने पर संबंधित पटवारी हल्का नंम्बर 10 मो0 शब्बीर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 09 (1) के तहत इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में शासन के नियमानुसार इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। उनका मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी (10) बैकुण्ठपुर कार्यालय में नियत किया जाता है।