भरमौर। उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में राधाष्टमी पर्व के शाही बड़े न्हौण के लिए भरमौर के चौरासी मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से पूरी तरह से पैक हो गया है। शुक्रवार को सैकड़ों की तादाद में पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से मणिमहेश यात्रियों की टोलियां देव चिंहों के साथ भरमौर पहुंचे है। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुओं का भरमौर पहुंचने का सिलसिला जारी है। वहीं चौरासी परिसर में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने पारंपरिक नृत्य भी छडिय़ों के साथ किया। कुल-मिलाकर मणिमहेश यात्रा के बड़े न्हौण के लिए यात्रियों की भीड़ भरमौर पहुंचने आरंभ हो गई है और आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में ओर इजाफा होगा। शुक्रवार को पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु पांरपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचते-गाते चौरासी मंदिर परिसर पहुंचे। भगवान भोले नाथ के जयकारें लगाते हुए कस्बे में प्रवेश करते श्रद्धालुओं का नजारा शुक्रवार को देखते ही बना। लिहाजा चौरासी परिसर में एक साथ पहुंचे श्रद्धालुओं ने यहां स्थित प्राचीन शिव मंदिर की परिक्रमा की और इसके उपरांत यहां पर शीश नवाजा।
इसके उपरांत छडिय़ों के साथ आए श्रद्धालुओं ने हेलिपैड समेत चौरासी परिसर स्थित मंदिरों व सरायों में अपना डेरा जमा लिया है। शुक्रवार को जेएंडके के अलावा देश के अन्य हिस्सों से भी काफी तादाद में मणिमहेश यात्री भरमौर पहुंचे है। लिहाजा चौरासी में शाम के वक्त तिल धरने के लिए भी जगह शेष नहीं बची। उधर, पड़ोसी राज्य से पहुंचे श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को घंटों चौरासी मंदिर परिसर के प्रांगण में वाद्य यंत्रों की धुनों पर पारंपरिक नृत्य किया। शनिवार को पड़ोसी राज्य से पहुंचे श्रद्धालु भरमाणी माता मंदिर में माथा टेकने के उपरांत चौरासी परिसर में वर्षों से चली आ रही परंपराओं का निर्वाहन करेंगे। इसके उपरांत रविवार को वह डल झील के लिए छडिय़ों के साथ रवाना हो जाएंगे।