जांजगीर-चांपा। प्रदेश भर के किसानों की मांग पर राज्य शासन ने भले ही समर्थन मूल्य नीति के अंतर्गत धान खरीदी की तिथि में चार दिनों की वृद्धि कर दी है लेकिन, जांजगीर-चांपा जिले के उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी 31 जनवरी 2024 से ही बंद कर दी गई है। इस वजह से एक फरवरी 2024 को जिले के उपार्जन केन्द्रों में किसानों का ना तो टोकन काटा गया और ना ही धान की खरीदी की गई।
प्रभारियों का कहना है कि राज्य शासन ने भले ही धान खरीदी की तिथि में चार फरवरी 2024 तक की वृद्धि कर दी है लेकिन, जिला स्तर से उन्हें 31 जनवरी 2024 को निर्धारित समय के बाद से धान खरीदी कार्य बंद करने का मौखिक आदेश मिला है। इस वजह से उन्होंने एक फरवरी 2024 को किसी भी किसान का टोकन नहीं काटा और ना ही उनसे धान की खरीदी की। उनका यह भी कहना है कि 31 जनवरी 2024 को निर्धारित समय तक किसानों से धान की खरीदी की गई है। मगर, अब किसी भी किसान के धान की खरीदी नहीं की जाएगी। यदि कोई किसान जबरदस्ती करता है तो उसे जिला प्रशासन के अधिकारियों से लिखित में पत्र लाने के लिए कहा जा रहा है।
खरीदी प्रभारियों का स्पष्ट कहना है कि जिला प्रशासन के लिखित आदेश के बिना अब किसी प्रकार की कोई खरीदी नहीं की जाएगी। खरीदी प्रभारियों के इस रवैये से किसानों में जहां हडक़ंप मचा हुआ है तो वही वे अब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में किसानों को परेशानी से बचाने के लिए धान खरीदी की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है। राज्य शासन के आदेश के तहत अब धान खरीदी चार फरवरी 2024 तक होनी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धान खरीदी की अंतिम तिथि को बढ़ाते हुए चार फरवरी 2024 रविवार तक धान खरीदी कार्य जारी रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री साय ने किसानों की दिक्कतों के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुए रिकार्ड धान खरीदी के बावजूद धान खरीदी की अंतिम तिथि को चार फरवरी 2024 रविवार तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ में पहली बार शासकीय अवकाश शनिवार और रविवार को भी धान खरीदी की जानी है मगर, जिले के उपार्जन केन्द्रों में राज्य शासन के इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। उपार्जन केन्द्र प्रभारियों द्वारा जिला प्रशासन का मौखिक आलेश बताकर अब ना तो किसानों का टोकन काटा जा रहा है और ना ही उनसे धान की खरीदी की जा रही है। वे साफ तौर पर कह रहे हैं कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने 31 जनवरी 2024 को निर्धारित समय के बाद धान खरीदी कार्य बंद करने के आदेश दिए हैं, इस स्थिति में अब किसी भी किसान से धान की खरीदी नहीं की जाएगी।