जांजगीर चंपा। जिले के 25 फीसदी स्कूल जर्जर हालत में है। हालांकि इन स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार ने किस्तों में तकरीबन 88 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। लेकिन यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि क्या इन 15 दिनों में ऐसे जर्जर स्कूलों की मरम्मत हो जाएगी। जिसे लेकर शिक्षा विभाग भी उहापोह की स्थिति में है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी चाह रहे हंै कि किसी भी सूरत में हर स्कूलों का काम 15 जून तक पूरा हो जाए लेकिन हालात को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि इन 15 दिनों में जर्जर स्कूलों की मरम्मत हो पाएगी। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने सन 1964 से पहले निर्माण हुए है स्कूल भवन को जर्जर भवन मान रही है। 59 साल की अवधि पूरी कर ली है उसे जर्जर कंडीशन मानकर ऐसे स्कूलों की मरम्मत कराना चाह रही है। इन स्कूलों की भौतिक सत्यापन कराकर संबंधित हेडमास्टरों से अभिमत मंगाकर उस स्कूलों की मरम्मत कराना चाह रही है। रिपोर्ट के मुताबिक जांजगीर-चांपा जिले में 172 स्कूल जर्जर की श्रेणी में आ रहा है। ऐसे स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार के पास बजट के लिए प्रस्ताव भेजा था। जो पास हो गया और राशि शासन के खाते में आ भी गई। ेऐसे स्कूलों का युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है। अब बच्चों के मन में यह सवाल कांैध रहा है कि आखिर उन्हें 16 जून तक सर्वसुविधा युक्त भवन में तालीम लेने का अवसर मिलेगा या नहीं।
यदि यही 172 स्कूलों की मरम्मत समय रहते नहीं हो पाई तो छात्रों को जर्जर भवन में ही बैठकर शिक्षा लेनी पड़ेगी। हालांकि भवन की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इधर विभागीय सूत्रों का दावा है कि 150 जर्जर स्कूल भवनों में काम शुरू हो चुका है। संभवत: 15 जून तक काम पूरा भी जाएगा। लेकिन 22 स्कूलों में अब तक काम शुरू भी नहीं हो पाया है। जिससे इन 22 स्कूल के बच्चों को जर्जर भवन में ही बैठकर तालीम लेनी पड़ेगी। शिक्षा विभाग के स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए तकरीबन 88 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। इतनी राशि में राज्य शासन के अलावा डीएमएफ से भी बजट जारी किया गया है। भवन मरम्मत के लिए आरइएस को कार्य एजेंसी बनाया गया है। कई भवनों के मरम्मत के कार्य को स्थानीय सरपंचों को भी जिम्मेदारी दी गई है।
15 दिन में करेंगे सुधार
जर्जन भवनों की मरम्मत का कार्य जारी है। तकरीबन 150 भवनों की मरम्मत शुरू भी हो चुका है। 15 जून तक सभी स्कूल भवनों की मरम्मत हो जाए ऐसा प्रयास जारी है।
– एचआर सोम, डीईओ