
कोरबा। कोरबा शहर का ट्रांसपोर्ट नगर सडक़ पर आ चुका है। भारी वाहनों की रेलम पेल मुख्य मार्गों पर लगी रहती है। एक तरफ नया ट्रांसपोर्ट नगर का सपना साकार नहीं हो सका है, तो दूसरी ओर वाहनों के दबाव के कारण परेशान लोग हैं और जल्द नया टी.पी. नगर बनने की बनने का इंतजार कर रहे हैं। सडक़ किनारे बेतरतीब भारी वाहन खड़ा करने वाले वाहन मालिकों को नोटिस तो थमाया जाता है लेकिन इसके बाद भी वह इस दिशा में गंभीर नहीं है। तेजी से औद्योगिककरण और कोयला उत्पादन बढऩे के साथ ही कोरबा की सडक़ पर मालवाहकों की संख्या में बढ़ोतरी होती गई। अब करीब 1 हजार वाहन प्रतिदिन शहर की सीमा पर स्थित सडक़ों से होकर आवाजाही करती है। वहीं करीब 3 सौ मालवाहक ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में मरम्मत के लिए या फिर चालक द्वारा पार्किंग में खड़े कर दिए जाते हैं। वहीं तुलसीनगर से अशोक वाटिका के बीच सडक़ के दोनों ओर करीब 60-70 गैरेज संचालित हैं।स्टेडियम रोड पर बेतरतीब खड़े रहने वाले वाहनों को हटाने के लिए नगर निगम का अतिक्रमण विभाग कार्रवाई नहीं करता ऐसा नहीं है, बल्कि अतिक्रमण अमला अकसर बेतरतीब खड़े वाहनों में उन्हें हटाने की नोटिस चस्पा देता है या फिर वाहन मालिकों तक सूचना पहुंचा दी जाती है। कई बार जब्ती की कार्रवाई भी की जाती है।
बावजूद इसके न तो वाहन मालिक और न ही गैरेज संचालकों को असर पड़ रहा है। इसका खामियाजा आमजन को जाम में फंसना पड़ता है। शहर में सबसे व्यवस्तम क्षेत्र ट्रांसपोर्ट नगर को माना जाता है, क्योंकि व्यवसायिक के साथ ही रिहायशी क्षेत्र भी है। भारी वाहनों के बेतरतीब ढंग से कहीं भी खड़े करने के कारण लोगों की परेशानी आम बात हो गई है। सडक़ के दोनों ओर गैरेज या वाहन मरम्मत से जुड़े दुकान होने से मालवाहक बेतरतीब ढंग से खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे डिवाइडर नहीं होने के कारण टू-लेन रोड सिंगल लेन की तरह बन गई है। माल ढुलाई के दौरान मालवाहक चालक आगे निकलने की होड़ में उक्त सडक़ पर जाम लगा देते हैं। शहर में एक ओर नए ट्रांसपोर्ट नगर को बसाने का मामला उलझकर रह गया है। दूसरी ओर वर्तमान ट्रांसपोर्ट नगर में मालवाहकों का अत्याधिक दबाव के साथ-साथ गैरेज संचालकों के साथ ही वाहन चालकों की मनमानी से परेशानी बढ़ती जा रही है। स्टेडियम रोड पर गुरूद्वारा के पास से लेकर अशोक वाटिका के पहले तक सडक़ के दोनों ओर मरम्मत के लिए मालवाहकों को बेतरतीब ढंग से खड़ा करने के कारण टू-लेन सडक़ भी संकरी साबित हो रही है।
21 मार्च /