सोशल साईड फेसबुक पर लिखे थे अपमानजनक शब्द, सरकार ने लिया संज्ञान
कोरबा। विभिन्न विषयों पर लोग अपनी बात सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीके से लिखते हैं। इसके लिए उन्हें अलग-अलग मंच मिले हुए हैं। इस दौरान शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना जरूरी होता है। अन्य स्थिति में अभिव्यक्ति का अधिकार का दुरूपयोग महंगा पड़ जाता है। महंगाई भत्ता को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना कोरबा जिले के एक शिक्षक को भारी पड़ गया। सरकार ने तत्काल प्रभाव से व्याख्याता को सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों राज्य सरकार ने 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाकर 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता राज्यकर्मियों का किया था। हालांकि राज्य सरकार की इस घोषणा से शिक्षक व कर्मचारी खुश नहीं थे। अलग-अलग तरीकों से शिक्षकों ने इसका विरोध भी जताया था। इसी कड़ी में कोरबा जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोथारी विकासकंड करतला में पदस्थ व्याख्याता नित्यानंद यादव ने इस मुद्दे पर फेसबुक पर मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। सोशल मीडिया पर किये इस पोस्ट पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया और नित्यानंद यादव को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। व्याख्याता नित्यानंद यादव को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जिला जांजगीर-चाम्पा अटैच किया गया है।

निगरानी रखी जा रही है पोस्ट पर
लोगों को पता होना चाहिए कि इंटरनेट का उपयोग करने वालों की सभी गतिविधियों की निगरानी करने के लिए कई प्रकार के माध्यम बने हुए हैं। सिस्टम के हिसाब से इस तरह की चीजों पर लगातार दृष्टि रखी जाती है कि अलग-अलग स्तर पर कौन से विषय चल रहे हैं और कौन क्या कुछ लिख रहा है। बड़े हिस्से में इसके असर को ध्यान में रखा जाता है और उक्तानुसार जरूरी कार्यवाही भी की जाती है। याद रखना होगा कि सोशल मीडिया सरकार से लेकर समाज और लोगों तक अपनी पहुंच बनाने का जरिया ही नहीं बलिक यह दिखाने का माध्यम है कि आप क्या कुछ सोच सकते हैं और किस प्रकार से बदलाव ला सकते हैं। इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफर्मा पर लिखी गई गलत चीज और गलत विचार अपनी व्यापकता से बहुत कुछ नुकसान करा सकता है। कई मामले में इसके नतीजे भी आएं हैं।