
कोरबा। विभिन्न आयोजनों के दौरान गीत संगीत पर लोगों को मचलने के लिए मजबूर करने वाले डीजे खतरे में है। गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो-तीन स्थान पर हुई मारपीट की घटनाओं के बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। कोरबा जिले में एक ही दिन में एक दर्जन से ज्यादा डीजे पुलिस ने जप्त कर लिए और प्रकरण कायम की है। इस कार्रवाई से डीजे संचालक डरे हुए हैं कि क्या आने वाले नवरात्र और दशहरा उत्सव के दौरान डीजे बजाना है या फिर उन्हें ढककर रखना है। कोरबा जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में डीजे संचालक हैं जिन्होंने अलग-अलग व्यवस्था से यह संसाधन अपने पास रखा हुआ है। पर्व उत्सव और दूसरे तरह के आयोजनों में डीजे का उपयोग किया जाता रहा है। प्रशासन के द्वारा एक निश्चित वॉल्यूम में इन्हें बजाने के निर्देश पहले से दिए गए हैं लेकिन अक्सर देखा जाता रहा है कि भीड़भाड़ होने और लोगों का दबाव होने पर डीजे की आवाज इतनी बढ़ जाती है कि आसपास में मौजूद लोगों को काफी दिक्कतें होने लगते हैं। हाल में ही गणेश प्रतिमा के विसर्जन के दौरान कोरबा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कई ऐसी घटनाएं हुई जिनमें लोगों के हाथ पैर फैक्चर हो गए या फिर हत्या तक हो गई। इन घटनाओं को लेकर डीजे के कानफोड़ू शोरगुल को जिम्मेदार माना गया। हाई कोर्ट ने इस पर सीधे संज्ञान लिया और कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने धड़ाधड़ कार्रवाई की और दर्जन भर से ज्यादा डीजे सिस्टम और वाहनों को जप्त कर लिया। इसे लेकर पाली में लोगों के द्वारा हंगामा भी किया गया। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब जिले में डीजे संचालक के साथ-साथ दुर्गा पूजा समितियां के आयोजक असमंजस में है कि नवरात्र पर डीजे का उपयोग किया जाना भी है या नहीं। अगर व्यवस्था नहीं बनती है तो ऐसी स्थिति में संचालकों को अपने डीजे को बढिय़ा से ढंककर सही जगह पर रखना होगा।