
जांजगीर। तीज त्यौहार और शादियों में बजने वाला डीजे की तेज आवाज बीमार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। खासतौर से कमजोर दिल वाले, हृदयरोगियों के लिए डीजे की तेज आवाज जानलेवा साबित हो सकती है। डीजे की तेज आवाज पर प्रतिबंद के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है। इससे डीजे संचालक खुलकर नियम-क़ानून की धज्जिया उड़ा रहे है। इन दिनों शहर में जगह -जगह गणेश विसर्जन हो रहा है जिसमें कान फोडू डीजे बजाया जा रहा है जिससे 120- 130 डेसीबल तक शोर पैदा हो रहा है जो खतरनाक ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है। इस दौरान ध्वनि में कंपन बेहद अधिक बढ़ जाता है. यही कंपन हृदयरोगियों के लिए जानलेवा होता है। सबसे खतरनाक तो तब हो जाता है जब डीजे की धुन पर नाचने वाले घंटों एक ही जगह पर खड़े होकर मनोरंजन करते हैं। ऐसे में एक सामान्य मनुष्य के हृदय की धड़कन काफी तेज हो जाती है, तो गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीजों की हालत क्या होगी? इसका सहजता से अनुमान लगाया जा सकता है। विवाह समारोह में आजकल डीजे बजाना एक फैशन हो गया है। यही नहीं सभा, समारोह और धार्मिक उत्सवों के दौरान गली-मुहल्लों में विभिन्न समितियों द्वारा मनोरंजन के नाम पर डीजे जैसे खतरनाक वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जा रहा है।