फगवाड़ा, ०7 जुलाई [एजेंसी]। पंजाब व हिमाचल में हो रही वर्षा के कारण सब्जियों की सप्लाई में कमी का सीधा असर लोगों की रसोई पर पड़ रहा है। तीन दिन पहले टमाटर के दाम में तीन गुना वृद्धि होने के बाद अब प्याज भी तेज हो गया है। दो दिनों के भीतर ही दाम 20 रुपये से बढ़कर 30 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। वर्षा के चलते कई इलाकों में फसल प्रभावित हुई है। वहीं सप्लाई में कमी आने के कारण तकरीबन सभी सब्जियों के दामों में भारी उछाल आया है।10 दिनों के भीतर ही कई सब्जियों के दाम दोगुना हो गए हैं, जबकि कुछ के दाम में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि आमद कम होने के कारण जहां लगभग सभी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हुई वहीं टमाटर और प्याज के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 15 दिन पहले टमाटर 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा था जिसकी कीमत 80 रुपए से 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसी प्रकार प्याज भी अब 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। लोगों का कहना है कि महंगाई के कारण रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है। रही सही कसर सब्जियों की बढ़ी कीमतों ने पूरी कर दी है।उन्होंने कहा कि पहले जहां वह प्रति किलो के हिसाब से सब्जियां खरीदते थे वहीं अब पाव किलो या आधा किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं। अब वह दालों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। सब्जियों के बढ़ते दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है और आम जनता महंगाई की मार झेल रही है।आमतौर पर अधिकतम 10 रुपये किलो बिकने वाला आलू इस समय 20 से 25 रुपये किलो बिक रहा है। वहीं हरी धनिया और मिर्च तो सारे रिकार्ड ही ध्वस्त कर दिए हैं। बारिश के बाद से टमाटर के दाम 50 से 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए और मुर्गे का भाव 170 प्रति किलोग्राम है। लौकी 50 रुपये किलो बिक गई, भिंडी 80 रुपये किलो बिक रही है। 20 दिन पहले जो सब्जियों के दाम आधे से भी कम थे।वहीं बताया जा रहा है कि बारिश के बाद खेतों में सब्जी की फसल के खराब होने से अचानक दामों में वृद्धि हुई। हरी सब्जियों में महंगाई टमाटर पर ही नहीं है, बल्कि लौकी, करेला, भिंडी, बैंगन, परिमल आदि सभी सब्जियां महंगाई की आग में जलनी शुरू हो गई हैं। सब्जी विक्रेता अशोक कुमार एवं मनी का कहना है कि बरसात के समय हरी सब्जियों की उपज कम हो जाती है, खासकर बेल वाली सब्जियों के दाम भी बढऩे शुरू हो जाते हैं।जो लौकी पिछले सप्ताह मंडी में 12 रुपये किलो थोक में बिक रही थी, वह अब 20 से 40 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। इसी प्रकार करेला रुपये 40 से बढ़कर 85 रुपये प्रति किलो हो गया है। पत्ता गोभी जो 15 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रही थी अब वह 40 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। तोरई 30 से बढ़कर 60 किलो में बिक रही है। इसी प्रकार भिंडी 20 किलो से बढ़कर 80 में हो गई है। मशरूम 100 प्रति किलो थोक में बिक रही थी, वह मंगलवार को सब्जी मंडी में 160 से 180 किलो बिकी है। अदरक पिछले एक महीने से 320 प्रति किलो ही बिक रहा है। अगर इन सब्जियों के फुटकर रेट की बात करें तो प्रति किलो पर दोगुना मुनाफा लिया जा रहा है।फगवाड़ा सब्जी मंडी में कारोबार करने वाले दुकानदार मोहन लाल ने बताया कि जुलाई और अगस्त में लोकल सब्जियों की पैदावार कम होने के कारण फगवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों के लोग हिमाचल प्रदेश की सब्जियों पर निर्भर होते हैं। हिमाचल में हो रही वर्षा के कारण आमद में कमी आई है जिससे सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं और अभी 15-20 दिन तक यही हाल रहने वाला है।