नईदिल्ली, ०३ जुलाई [एजेंसी]। लोक निर्माण विभाग के (पीडब्ल्यूडी) के निर्माण स्थलों पर तीन दिन में दो लोगों की मौत पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। आप नेता व पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने इस मामले में कार्रवाई के लिए एलजी को पत्र लिखा है। वहीं भाजपा ने पत्र को लेकर आप सरकार को घेरा है, भाजपा ने कहा है कि आप सरकार वास्तव में कार्रवाई चाहती है तो उसे पत्र नहीं कार्रवाई के लिए सिफारिश करनी चाहिए थी।आतिशी ने एलजी को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली में पिछले दो दिनों में दो दुखद घटनाएं सामने आई है। पहली दुर्घटना में हर्ष विहार क्षेत्र के वजीराबाद रोड पर दो दिन पहले एक ऑटो के पानी भरे गड्ढे में गिरने से चालक की मौत हो गई। इस दुर्घटना का कारण पीडब्ल्यूडी के अफसरों की लापरवाही रही है। वहीं, दूसरी घटना लोकनायक अस्पताल की है, जहां रविवार को निर्माण कार्य के दौरान एक श्रमिक की करंट लगने से मौत हो गई है। उन्होंने एलजी पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि इसके बाद भी आप मौन साधे बैठे हैं। अफसरों की लापरवाही के कारण ऑटो ड्राइवर की मौत हुए दो दिन बीत चुके हैं लेकिन इस विषय में आपने न तो कोई एक्शन लिया है और न ही इस पर कुछ भी बोला है। आतिशी ने इस मामले में कार्रवाई को अध्यादेश से जोड़ते हुए कहा कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लेकर आई है, उसमें सेवा विभाग का अधिकार आप को दिया गया है। यानी किसी भी अफसर पर कोई कार्रवाई करनी है या उसे निलंबित करना है या उसका तबादला करना है तो ये सब आपके हाथों में है।उधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है मंत्री आतिशी का एलजी वीके सक्सेना को लिखा पत्र और कुछ नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल सरकार की विफलताओं से अधिक उनकी अपनी लोक निर्माण विभाग की विफलता से जनता का ध्यान हटाने का एक प्रयास है।उन्होंने कहा है कि दो दिन पहले एक ऑटो चालक की पीडब्ल्यूडी निर्माण स्थल पर बिना सुरक्षा वाले पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई, रविवार लोकनायक अस्पताल के पीडब्ल्यूडी निगरानी वाले निर्माण स्थल पर एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि पीडब्ल्यूडी पर पूरी तरह से आतिशी का नियंत्रण है। ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने आखिरी बार पीडब्ल्यूडी के निर्माण स्थलों का निरीक्षण कब किया था। आतिशी अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी से भागने वाले केजरीवाल को बचाने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए वह बलि का बकरा ढूंढने की कोशिश कर रही हैं। —————