नईदिल्ली, ०३ जुलाई [एजेंसी]। राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक में लिए गए फैसलों पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सवाल उठाए जाने पर राजनिवास ने भी पलटवार किया है। राजनिवास के मुताबिक एनसीसीएसए शिक्षा विभाग के अधिकारियों का स्थानांतरण कर रहा है, इसे लेकर झूठ फैलाया जा रहा है जबकि यह सही नहीं है।शिक्षा विभाग में नियमित रूप से काम कर रहे किसी भी अधिकारी का स्थानांतरण प्रस्तावित नहीं किया गया। राजनिवास का कहना है कि सरकार द्वारा केवल एक भ्रामक कहानी पेश की जा रही है कि अधिकारी सुन नहीं रहे हैं और उन पर पूर्ण नियंत्रण की आवश्यकता है।यह कहना कि अधिकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तबादला कर रहे हैं, झूठ के अलावा कुछ नहीं है। राजनिवास अधिकारियों ने बताया कि एनसीसीएसए की बैठक के तीन एजेंडे थे। पहले एजेंडे के तहत मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि किसी भी अच्छे अधिकारी को बिना किसी विकल्प के शिक्षा विभाग से स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए।सच यह है कि शिक्षा विभाग से किसी भी अधिकारी के स्थानांतरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। केवल वे अधिकारी जो शिक्षा विभाग में काम नहीं कर रहे हैं और अपनी भौतिक उपस्थिति के बिना केवल वेतन प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें ही स्थानांतरण के लिए प्रस्तावित किया गया है ताकि उनका वेतन उचित वेतन मद से निकालने की सुविधा मिल सके।चुनाव विभाग से स्थानांतरण के लिए प्रस्तावित दो अधिकारियों के संबंध में सीएम ने सुझाव दिया कि जो अधिकारी सतर्कता विभाग की दृष्टि से स्वच्छ छवि वाले नहीं हैं, उन्हें शिक्षा विभाग में तैनात नहीं किया जाना चाहिए, जिसे तदनुसार संशोधित किया गया है। इसी तरह सब रजिस्ट्रार पद से तबादले के लिए महिला अधिकारियों का अनुरोध एजेंडे का हिस्सा नहीं था और सैद्धांतिक तौर पर इस पर सहमति बनी कि इसे अगली बैठक में लाया जाएगा। उपराज्यपाल कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय यह झूठ फैला रहा है कि एनसीसीएसए बैठक में नौकरशाह मनमाने ढंग से मुख्यमंत्री के फैसले पलट रहे हैं। एनसीसीएसए की दूसरी बैठक में केजरीवाल के सभी निर्देशों को खारिज किया गया, यह आरोप भी पूरी तरह से गलत है।