कोरबा । कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक यू. उदय किरण द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को धोखाधड़ी के अपराधों में संलिप्त लोगों एवं पूर्व के लंबित धोखाधड़ी के प्रकरणों में फरार आरोपियों की पता-तलाश कर विवेचना पूर्ण करने के संबंध में दिये निर्देश के परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रॉबिंसन गुडिय़ा के मार्गदर्शन पर निर्देश परिपालन में थाना प्रभारी कुसमुंडा द्वारा अपने मातहत कर्मचारियों की टीम बनाकर थाना में दर्ज धोखाधड़ी के मामलों का निराकरण करने पतासाजी में लगाया गया था। बताया जा रहा हैं की कथित शातिर अपराधी दीपक दास महंत के द्वारा सोसायटी में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को झांसा देकर नेट से फार्म डाउन लोड कर उसमें लोगों का नाम दर्ज कर सहकारी सेवा समिति का सील चोरी छिपे निकालकर उक्त फार्मों में लगाकर फर्जी काल्पनिक हस्ताक्षर 5-8 लोगों से 3 लाख 67 हज़ार रूपये का घोखाधडी किया गया है तथा एक अन्य घटना में अपने परिचित के दोस्त से मिलकर उसके पिता को लोन दिलाने का झांसा देते हुए उससे उसका पासबुक, एटीएम कार्ड, पैनकार्ड, लिंक मोबाईल तथा मोबाईल का पासवर्ड भी बड़े शातिराना तरीके से सबंधित से लेकर उसके साथ भी 11 लाख रूपये का धोखाधडी संबंधी बात भी सामने आई है। उस संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर उस पर भी पृथक से कार्यवाही की जावेगी। बताया जा रहा हैं की वह पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लोगों एवं पुलिस की आँखो में झोककर फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी हेतु विशेष रूप से पता-तलाश हेतु पुलिस संपर्क सूत्र तैयार किया गया था, कड़ी परिश्रम एवं मेहनत के बाद उसको 29 जून को सिवनी-चांपा से पकड़ा गया। थाना कुसमुण्डा लाकर वैधानिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय पेश किया गया है।उक्त कार्यवाही में प्रमुख रूप से निरीक्षक कृष्ण कुमार वर्मा, सउनि भानू प्रकुरे, प्र.आर 336 राजनारायण सिंह प्र.आर 05 चन्द्रशेखर विघ्यराज और 369 नरेन्द्र पाटनवार की प्रमुख भूमिका रही।